मुंबई: महाराष्ट्र में शिंदे सरकार की ओर से एक पैनल का गठन किया गया था जो इंटरफेथ-इंटरकास्ट मैरिज की निगरानी करने वाला था। मगर विपक्ष ने इसे जासूसी करने का एक तरीका बता दिया तथा भारी बवाल काटा गया। इस बात पर भी नाराजगी जताई गई कि सरकार ने इंटरकास्ट शब्द का जिक्र कर अपनी सोच को बिल्कुल सीमित कर दिया है। अब उस विरोध के बीच शिंदे सरकार ने इस पैनल में बड़ा परिवर्तन किया है। इसके नाम से इंटरकास्ट हटा दिया गया है। आपको बता दें कि बुधवार को प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घोषणा की थी कि प्रदेश में हो रही इंटरफेथ-इंटरकास्ट मैरिज पर निगरानी रखने के लिए एक पैनल का गठन किया गया है। इस पैनल के माध्यम से उन महिलाओं की सहायता की जाएगी जिन्हें इंटरकास्ट मैरिज में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मगर इस पैनल के नाम को लेकर ही बवाल खड़ा हो गया तथा सरकार को विरोध के सामने झुकते हुए इंटरकास्ट शब्द को हटाना पड़ा। अब इस पैनल का नाम 'Inter-faith Marriage-Family Coordination Committee (State Level)' रखा गया है। कहा जा रहा है कि ये पैनल केवल उन शिकायतों पर अपना ध्यान केंद्रित करेगा जहां पर इंटर फेथ शादियां हुई हैं। उन युवतियों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जाएगा। ये पैनल का गठन भी इसलिए किया गया है क्योंकि इस वक़्त श्रद्धा हत्याकांड के कारण पूरा देश आक्रोशित है। इस तरह की घटनाएं भविष्य में ना हों, इसी कारण सरकार ने ये पैनल बनाने का निर्णय लिया। सरकार बार-बार अपनी ओर से कह रही है कि वो इस तरह की शादियों के खिलाफ नहीं है, इस पैनल के माध्यम से केवल उन महिलाओं तक सहायता पहुंचाई जाएगी, जिन्हें इसकी आवश्यकता है। 'जब तक नियुक्ति प्रक्रिया नहीं बदलती, खाली रहेंगे जजों के पद..', कानून मंत्री रिजिजू की दो टूक चीन पर 'सर्जिकल स्ट्राइक' की तैयारी ! बजट में बड़ा ऐलान कर सकती है मोदी सरकार भारत को बांग्लादेश ने बताया सबसे अच्छा दोस्त, चीन को दी चेतावनी, कहा- 1962 न समझना