नई दिल्ली: राज्यसभा सांसद एवं वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने रविवार को न्यायपालिका के वर्तमान हालात पर चिंता जताई तथा कहा कि हाल के दिनों में जो कुछ हुआ है, उसके लिए संस्था के कुछ सदस्यों ने 'हमें नीचा दिखाया' तथा 'मैं अपना सिर शर्म से झुकाता हूं।' मीडिया के साथ चर्चा में कपिल सिब्बल ने यह भी कहा कि हाल के सालों में फ्री स्पीच एवं सर्वोच्च न्यायालय की तरफ से जिस प्रकार इसकी व्याख्या की गई है, उसे दुर्भाग्य से वह जगह नहीं मिली है, जो इसके लिए संवैधानिक तौर पर अनुमत है। सिब्बल ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा तथा कहा कि संस्थानों का गला घोंटकर असल में आपातकाल लागू कर दिया गया है। कानून के शासन का प्रतिदिन उल्लंघन किया जा रहा है। मौजूदा सरकार केवल 'कांग्रेस मुक्त भारत' नहीं, बल्कि 'विपक्ष मुक्त भारत' चाहती है। ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी के बारे में सिब्बल ने कहा कि इससे भी बड़ा चिंताजनक मुद्दा यह है कि कोर्ट के कुछ सदस्यों ने 'हमें निराश किया है।' सिब्बल इस वक़्त UK में हैं। सिब्बल ने कहा कि मैं जिन 'संस्था (न्यायपालिका) का 50 सालों से भाग रहा हूं, उनके कुछ सदस्यों ने हमें दुखी किया है। मैं शर्म से सिर झुकाता हूं कि ऐसा हुआ है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका जब कानून के शासन के सामने हो रहे उल्लंघन को लेकर आंखें मूंद लेती है तो हैरानी होती है कि कानून के शासन की रक्षा के लिए बनाई गई संस्था खुली आंखों से कानून के शासन के उल्लंघन की मंजूरी क्यों देती है। जुबैर की गिरफ्तारी और दिल्ली की अदालत द्वारा जमानत देने से मना करने के बारे में सिब्बल ने कहा कि 4 वर्ष पूर्व किए ऐसे ट्वीट के लिए उस शख्स को गिरफ्तार किया जाना समझ से परे है, जिसका कोई सांप्रदायिक प्रभाव नहीं हुआ। आगे उन्होंने कहा कि ये सब हो रहा है, क्योंकि नफरत चुनावी लाभ का एक साधन बन गया है। भारी बारिश के कारण बिहार में मचा कहर, 4 दिन में 35 लोगों की हुई मौत 'सर तन से जुदा कर दूंगा, इंडिया को भी बनाएंगे पाकिस्तान', अब इनको मिली धमकी आग पर पानी डालते ही फट गया सिलिंडर, हुई कई मौतें