'ये पीएम मोदी की वजह से ही हो पाया..', कतर में मौत की सजा पाए पूर्व नौसैनिक लौटे भारत, एयरपोर्ट पर उतारते ही कही ये बात

नई दिल्ली: भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत में, कतर में मौत की सजा पाए भारतीय नौसेना के आठ दिग्गजों को सोमवार को दोहा द्वारा रिहा कर दिया गया। इससे पहले नई दिल्ली के राजनयिक हस्तक्षेप के बाद मृत्युदंड को विस्तारित जेल अवधि में बदल दिया गया था। नौसेना के दिग्गजों के चिंतित परिजनों द्वारा उनकी रिहाई और उनकी मातृभूमि में सुरक्षित वापसी की गुहार के बीच, विदेश मंत्रालय (MEA) ने आश्वासन दिया था कि वह सभी राजनयिक चैनलों को जुटाएगा और उन्हें वापस लाने के लिए कानूनी सहायता की व्यवस्था करेगा।

 

विदेश मंत्रालय (MEA) ने सोमवार को एक आधिकारिक बयान के माध्यम से जानकारी दी कि आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों में से सात पहले ही भारत लौट चुके हैं। केंद्र सरकार ने एक आधिकारिक बयान जारी कर अनुभवी अधिकारियों को रिहा करने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि, “भारत सरकार कतर में हिरासत में लिए गए डहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है। उनमें से आठ में से सात भारत लौट आए हैं। हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी को सक्षम करने के लिए कतर राज्य के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं।'

बता दें कि, आठ भारतीय नागरिक अक्टूबर 2022 से कतर में कैद थे और उन पर पनडुब्बी कार्यक्रम पर कथित रूप से इजराइल के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया गया था। सेवानिवृत्त नौसैनिकों को कतर की एक अदालत ने उन आरोपों में मौत की सजा सुनाई थी जिन्हें अभी तक आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक नहीं किया गया था। दिल्ली के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुँचे इन नौसैनिकों ने ‘भारत माता की जय’ का उद्घोष लगाया। इन नौसैनिकों ने भारत पहुँचने के बाद कहा कि वो यहाँ पहुँच पाए हैं और अपनी मातृभूमि पर कदम रख पाएं हैं, तो वो केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण। कतर की जेल से रिहा हुए एक पूर्व नौसेना अफसर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, “पीएम मोदी के हस्तक्षेप के बिना हमें आजादी नहीं मिलती। यदि उन्होंने हमारे लिए कोशिशें नहीं की होती, तो हम आज आपके सामने खड़े नहीं होते।” उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने हमें बचाने के लिए काफी काम किया। हमें आजादी दिलाने के लिए हाई लेवल से प्रयास किए गए।

 

कतर से लौटे एक अन्य पूर्व नौसैनिक ने कहा कि, “हमने भारत वापस आने के लिए करीब 18 महीने तक प्रतीक्षा की। हम प्रधानमंत्री के बेहद आभारी हैं। यह उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप और कतर के साथ उनके संबंध के बगैर संभव नहीं होता। हम भारत सरकार द्वारा किए गए हर प्रयास के लिए तहे दिल से आभारी हैं और उन कोशिशों के बगैर यह दिन संभव नहीं होता।” पीएम मोदी और कतर के अमीर के बीच जो अंडरस्टैंडिंग बनी, उसके बिना ये संभव नहीं था। दोनों नेताओं के मजबूत रिश्तों के कारण भी हमें मदद मिली।”

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