रूस ने यूक्रेन के मुद्दे पर अमेरिका को सख्त चेतावनी दी है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि अमेरिका को समझना चाहिए कि यूक्रेन युद्ध में उसकी "रेड लाइन" क्या है। मीडिया से चर्चा करते हुए लावरोव ने कहा कि अमेरिका अब रूस के प्रति संयम खोता जा रहा है, जो दोनों देशों के संबंधों के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिका ने यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करके रूस की "रेड लाइन" पार कर दी है। लावरोव ने कहा कि अमेरिका को यह स्पष्ट रूप से समझ लेना चाहिए कि रूस की "रेड लाइन" ऐसी नहीं है जिससे खिलवाड़ किया जा सके, तथा अमेरिका इसे भलीभांति जानता है। उन्होंने चेतावनी दी कि यह स्थिति रूस एवं अमेरिका के बीच गंभीर तनाव को बढ़ा सकती है तथा इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि अगर अमेरिका यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति जारी रखता है तथा अपनी नीति में परिवर्तन नहीं करता, तो रूस भी अपने हितों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाएगा, जो वैश्विक स्थिरता के लिए हानिकारक हो सकता है। हाल के महीनों में यूक्रेन ने अमेरिकी हथियारों का उपयोग कर रूस के अंदर हमले किए हैं, जिससे रूस को नुकसान हुआ है। ये हमले निरंतर बढ़ते जा रहे हैं। कुछ दिन पहले यूक्रेन ने रूस की सीमा के अंदर स्थित कुर्स्क शहर पर कब्जा कर लिया था, जिससे वैश्विक स्तर पर संदेह पैदा हुआ कि रूस इस युद्ध में पिछड़ रहा है। लावरोव का यह बयान इन घटनाओं से जोड़ा जा रहा है। यूक्रेन में जारी संघर्ष ने वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है। 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के पश्चात् से पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को व्यापक सैन्य और आर्थिक सहायता प्रदान की है, जिसमें विशेष रूप से अमेरिका ने हथियार, गोला-बारूद एवं अन्य उपकरणों के रूप में बड़ी मात्रा में सैन्य सहायता दी है। रूस इसे अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के लिए एक गंभीर खतरे के रूप में देखता है। अमेरिकी एवं यूरोपीय सैन्य सहायता की वजह से रूस को इस युद्ध में वह सफलता नहीं मिली जिसकी उसने उम्मीद की थी। दो वर्षों से ज्यादा समय बाद भी यह युद्ध जारी है। इससे पहले, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि वह यूक्रेन संघर्ष के मुद्दे पर भारत, चीन तथा ब्राजील के साथ संपर्क में हैं और इसे सुलझाने के लिए गंभीर प्रयास कर रहे हैं। पुतिन ने कहा, "हम अपने मित्रों और साझेदारों का सम्मान करते हैं, विशेषकर चीन, ब्राजील और भारत, और हम इस संघर्ष से जुड़े मुद्दों को ईमानदारी से सुलझाना चाहते हैं। मैं अपने सहयोगियों के साथ निरंतर संपर्क में हूं।" पुतिन का यह बयान पीएम नरेंद्र मोदी की यूक्रेन यात्रा के दो सप्ताह पश्चात् आया, जहां उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ वार्ता की थी। पीएम मोदी ने 23 अगस्त को यूक्रेन का दौरा किया था, जहां उन्होंने राष्ट्रपति जेलेंस्की से कहा था कि यूक्रेन और रूस को बिना समय गंवाए युद्ध समाप्त करने के लिए वार्ता शुरू करनी चाहिए, और भारत क्षेत्र में शांति बहाल करने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है। शराब के नशे में टीचर ने छात्रा के साथ कर दी ऐसी हरकत, हुआ सस्पेंड दिल्ली-NCR में लगातार 3 दिन झमाझम बारिश, IMD ने जारी किया नया अपडेट टिकट कटा तो नाराज नेता ने CM से नहीं मिलाया हाथ, हाथ जोड़कर बढ़े आगे