ये देवता जो करते हैं बुध गृह पर राज़

सप्ताह के सातो दिन किसी न किसी भगवान को अर्पित हैं, हर दिन की अपनी अलग महत्ता है। उसी प्रकार अगर बुधवार की बात करें, तो यह दिन भी किसी न किसी भगवान के लिए महत्वपूर्ण माना गया है। और बुधवार बुध गृह से संबधित है, जो भारतीय ज्योतिषशास्त्र में इसी नाम से नियत है। इस गृह को धन, व्यवसाय और व्यापारियों का स्वामी तथा उनका रक्षक माना जाता है। यह हरे वर्ण वाले दिखाई देते हैं। बुध का वाहन आठ गहरे पीले रंग के अश्वों वाला रथ भी बताया गया है। आमतौर पर बुध को कृपाल, फारसा और ढाल धारण किये हुए बताया जाता है। चलिए अब जानते हैं बुध के परिवार के बारे में..

बुध का राज बुधवार के दिन पर रहता है। आधुनिक हिन्दी, उर्दु, तेलुगु, बंगाली, मराठी, कन्नड़ और गुजराती भाषाओं के अनुसार सप्ताह के तीसरे दिवस को बुधवार कहा जाता है। बताते हैं बुध का विवाह वैवस्वत मनु की पुत्री इला से हुआ था। इला से प्रसन्न होकर मित्रावरुण ने उसे अपने कुल की कन्या तथा मनु का पुत्र होने का वरदान दिया। कन्या भाव में उसने चन्द्रमा के पुत्र बुध से विवाह करके पुरूरवा नामक पुत्र को जन्म दिया। तदुपरान्त वह सुद्युम्न बन गयी और उसने अत्यन्त धर्मात्मा तीन पुत्रों से मनु के वंश की वृद्धि की जिनके नाम इस प्रकार हैं- उत्कल, गय तथा विनताश्व। और यही बुध का पूर्ण परिवार है।

 

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