1- जितनी प्रभु की सेवा अधिक उतनी समृद्धि और शांति अधिक । 2- प्रभु संघ के बाद हमारा पूरा जीवन ही उत्सव बन जाता है । 3- सबसे उत्तम मैत्री सदग्रंथों से होनी चाहिए क्योंकि वे हमें प्रभु की भक्ति प्रदान करते हैं । 4- पापी व्यक्ति भी अगर प्रभु भक्ति में लग जाता है तो वह भी महात्मा बन जाता है । 5- प्रभु के सदगुणों का अनुसरण अपने जीवन में करना चाहिए । 6- हर पल स्मरण प्रभु का ही होना चाहिए । 7- प्रभु को प्रेमाभक्ति से निहारना चाहिए । 8- भक्ति के कारण जब एक बार प्रभु जीव को पकड़ लेते हैं तो फिर उसे मुक्त करके ही छोड़ते हैं । 9- प्रभु का जो स्पर्श पा जाता है उसके सभी पाप उसी समय भस्म हो जाते हैं । 10- प्रभु को किसी भी भाव से याद करें, वे हमारा कल्याण ही करेंगे । टीवी एक्टर कुशल पंजाबी के घर से मिला सुसाइड नोट, पत्नी भी है गायब! टीम इंडिया को ट्रोल करना शोएब मलिक को पड़ा भारी, भारतीय फैंस ने कर दी बोलती बंद आज नागरिकता कानून को लेकर मुंबई में आर-पार, आज़ाद मैदान में जमा होंगे CAA के विरोधी और समर्थक