'ये भाजपा का विदाई बजट..', विपक्ष को पसंद नहीं आई मोदी सरकार की घोषणाएं, कई नेताओं ने साधा निशाना

नई दिल्ली: जैसे ही आज गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में केंद्रीय बजट पेश किया, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि राजकोषीय घाटा 'बेहद चिंताजनक' है। उन्होंने कहा कि, "जो बात बेहद चिंताजनक है वह है राजकोषीय घाटा बढ़ना, क्योंकि वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत आंकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि इस वर्ष के लिए केंद्रीय बजट की 18 लाख करोड़ से अधिक की अनिधिकृत सीमा है, और यह संख्या केवल बढ़ने वाली है।" वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने बजट को 'बेकार' बताते हुए कहा, 'यह जनता के लिए नहीं है।'

अखिलेश यादव ने लिखा कि, "अगर कोई भी बजट विकास के लिए नहीं है और कोई भी विकास जनता के लिए नहीं है तो वह बेकार है। भाजपा सरकार ने जनविरोधी बजट का एक दशक पूरा करके एक शर्मनाक रिकॉर्ड बनाया है, जो अब कभी नहीं टूटेगा। क्योंकि अब एक सकारात्मक सरकार आने का समय आ गया है, ये भाजपा का विदाई बजट है।'' संसद के पटल पर अंतरिम बजट प्रस्तुति में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में पिछले दशक में गहरा सकारात्मक परिवर्तन आया है।

लोक सभा को संबोधित करते हुए, सीतारमण ने "सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास" के दृष्टिकोण के तहत समावेशी विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर भी प्रकाश डाला। कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने बजट को लेकर कहा कि केंद्रीय बजट 2024 "केवल यह सुनिश्चित करने के लिए एक प्रशासनिक अभ्यास था कि भारत सरकार के पास नई संसद के गठन तक अपने सामान्य व्यवसाय को चलाने के लिए आवश्यक धन हो। और उन्होंने यही किया है, अपने अनिवार्य आत्म-बधाई, आत्म-प्रशंसा वाक्यांशों को छोड़कर, वहां कुछ भी नहीं है और वहां कुछ भी नहीं होना चाहिए था, और ठीक ही ऐसा है। वहां कुछ भी नहीं है।"

वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद फारूक अब्दुल्ला ने बजट 2024 पर बोलते हुए कहा कि, "वास्तविक बजट जुलाई में आएगा। हमें उम्मीद है कि लोगों को फायदा होगा, पर्यटन बढ़ेगा, उद्योग भी बढ़ेंगे और देश प्रगति करेगा।" हाल ही में मायावती की पार्टी से निलंबित किए गए लोकसभा सांसद दानिश अली ने कहा कि बजट में कुछ भी नया घोषित नहीं किया गया। साथ ही पत्रकारों से बात करते हुए DMK नेता दयानिधि मारन ने कहा, "कुछ खास बदलाव नहीं हुआ है, लोग पहले ही निराश हैं।" 

बता दें कि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को केंद्रीय बजट 2024 पेश करते हुए कहा कि देश की चार प्रमुख जातियों गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों की जरूरतों को पूरा करना और आकांक्षाओं को पूरा करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सीतारमण ने यह भी कहा कि सरकार तेजी से जनसंख्या वृद्धि और जनसांख्यिकीय परिवर्तनों से उत्पन्न चुनौतियों पर गौर करने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति बनाएगी।

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