कश्मीर घूमने का यही है सबसे अच्छा मौक़ा, मौसम ने भी ले ली करवट

घूमने का शौक आज के समय में किसे नहीं होता, हर दिन कोई न कोई नै जगह की तलाश में लगा हुआ रहता है, खुद का माइंड को फ्रेश करने के लिए जाना होता है. वहीं लोग कश्मीर भी घूमने का मन बना लिया है. तो आज हम आपको उस बारें में जानकारी देने जा रहे है,...

 पूरे उत्तर भारत में अचानक मौसम ने करवट बदल चूका है और ठंड का प्रकोप शुरू हो चुका  है. कई शहरों में पूरी तरह से धुंध छाई हुई है, वहीं कश्मीर में भी मौसम निरंतर चेंज हो रहा है. मौसम में अचानक परिवर्तन आने और ठंड के जल्दी प्रवेश करने की वजह से स्वास्थ्य विभाग और मौसम विभाग ने अगले दो सप्ताह के दौरान कश्मीर घाटी में आने वाले स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए हल्की चेतावनी भी जारी कर दी है.

बर्फबारी की भी संभावना: मौसम विभाग के अनुसार 23 नवंबर तक पूरे इलाके में शुष्क मौसम रहने का पूर्वानुमान लगाया गया है. हालांकि, 24 नवंबर को क्षेत्र में फिर से वर्षा होने का अनुमान लगाया जा रहा है, इसमें कश्मीर के ऊंचे इलाकों और छिटपुट स्थानों के साथ-साथ जम्मू संभाग के अलग-अलग इलाकों में हल्की बारिश और बर्फबारी का अनुमान भी लगाया जा रहा है हालांकि 24 नवंबर के बाद बर्फबारी न होने की भविष्यवाणी से दिन के समय निवासियों और पर्यटकों को कुछ राहत मिलने वाली है, लेकिन मौसम विभाग ने आसमान साफ रहने के कारण पूरे इलाके में न्यूनतम तापमान में और गिरावट की भविष्यवाणी भी की जा रही है.

डॉ मुख्तार ने इस बारें में कहा है, "अगले दो सप्ताह के बीच तापमान में उल्लेखनीय गिरावट भी देखने के लिए मिल सकती है, लेकिन यह चिंताजनक नहीं होगा." रविवार को, अधिकांश पर्यटक स्थलों पर हाल ही में हुई बर्फबारी के कारण तापमान शून्य से नीचे दर्ज किया जा सकता है, सोनमर्ग में 5.3 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जो इस मौसम का सबसे कम तापमान था. अनंतनाग के पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 2 डिग्री सेल्सियस नीचे भी दर्ज किया जा चुका है, जबकि बारामुल्ला के स्कीइंग गंतव्य गुलमर्ग में शून्य से 1.8 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान दर्ज किया गया.

पर्यटक हो रहे हैं खुश: इतना ही नहीं ऊपरी इलाकों में ताजा बर्फबारी के उपरांत तापमान में गिरावट के बावजूद, जिसने कश्मीर को सफेद चादर में ढक दिया और घाटी में शीत लहर लेकर आ चुकी है, लेकिन यह पर्यटकों को नहीं रोक रहा है जो ठंड का आनंद भी ले सकते है. हरियाणा के महेंद्र कुमार, जो अपने परिवार के साथ कश्मीर घूमने आए हैं, कहते हैं कि वे कई दिनों से घाटी में हैं और कश्मीर के सर्दियों के मौसम का आनंद उठा रहे है. एक अन्य पर्यटक फलक ने मुस्कुराते हुए कहा, हमने बर्फबारी देखी और यह बहुत ठंडा था. हमने स्वेटर और जैकेट पहनने के बावजूद ठंड महसूस कर रहे है.

आने वाले दिनों में पड़ेगी कड़ाके की ठंड: हालांकि कश्मीर जाने का इरादा रखने वाले सभी लोगों के लिए उन्होंने एक चेतावनी भी दे डाली है, "कृपया अपने जैकेट और स्वेटर लेकर आएं क्योंकि यह एक खूबसूरत स्थान है लेकिन बहुत ठंडी भी है" कश्मीर घाटी में शनिवार को ऊंचाई वाले इलाकों में मौसम की पहली महत्वपूर्ण बर्फबारी और मैदानी क्षेत्र में भारी वर्षा देखने के लिए मिली है, इसके परिणामस्वरूप पूरे क्षेत्र में तापमान में भारी गिरावट आई और डॉक्टर लोगों से सावधानी बरतने के लिए कह रहे हैं, क्योंकि आने वाले दिनों में कम वर्षा और अधिक कड़ाके की ठंड देखने के लिए मिली है.

ठंडी चीजों से बचने की सलाह: "मुख्य स्वास्थ्य समस्याएं और फुफ्फुसीय समस्याएं शुष्क और ठंडे मौसम की वजह से हो रही है. श्रीनगर में चेस्ट डिजीज हॉस्पिटल में पल्मोनरी मेडिसिन के प्रमुख डॉ. नवीद ने इस बारें में बोला है कि, "लोगों को गर्म कपड़े पहनने, ठंडे खाद्य पदार्थों से बचने और खुद को हाइड्रेट रखने के लिए बहुत सारा गर्म पानी पीने की आवश्यकता है." 

24 नवंबर को फिर से बारिश और बर्फबारी की उम्मीद है और फिर श्रीनगर और घाटी के अन्य भागों में धूप खिलने के साथ मौसम शुष्क हो सकता है, जिससे तापमान में और गिरावट देखने को मिलेगी, जिसका असर पूरे उत्तर भारत में मौसम प्रणालियों पर पड़ेगा. मौसम विभाग ने कहा, "तापमान में और गिरावट के साथ, उत्तर भारतीय मैदानी इलाकों में कोहरे के जल्दी आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है." कश्मीर घाटी और लद्दाख में आमतौर पर दिसंबर महीने से इतनी ठंड पड़ना शुरू हो जाती है, जो 21 दिसंबर से 31 जनवरी तक रहती है! चालीस दिन के इस अंतराल को "चिल्ले कलां" बोलते है

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