हर व्यक्ति अपने जीवन में कर्म अवश्य करता है, जिसका फल उसे अवश्य प्राप्त होता है. कर्म दो प्रकार के होते है, एक पाप कर्म व दूसरा पुण्य कर्म इन दोनों ही कर्मों का फल व्यक्ति को मिलता है. इनमे से कुछ कर्म ऐसे होते है, जिन्हें वह जानबूझकर करता है. लेकिन कुछ उससे अनजाने में हो जाते है. यदि कोई व्यक्ति अनजाने में कोई पाप कर्म करता है, तो उसका फल भी उसे भोगना पड़ता है. लेकिन अनजाने में किये गए पापों से व्यक्ति मुक्त हो सकता है, इसके लिए शास्त्रों में कुछ उपाय दिए गए है, जो अनजाने में किये गए पापों से व्यक्ति को मुक्त करते है. तो आइये जानते है अनजाने में किये गए पाप से मुक्त होने के उपाय कौन से है? इसी के संबंध में एक बार महाराज परीक्षित में शुकदेव जी से प्रश्न पूंछा की जब हम कहीं जाते है, तो अनजाने में हमारे पैरों के नीचे कई छोटे जीव दबकर मर जाते है, व हमारे द्वारा सांस लेने पर भी कई सूक्ष्म जीवों का अंत हो जाता है, जिसके कारण जीव हत्या का पाप हमारे ऊपर लगता है. इस जीव हत्या से मुक्त होने के लिए कौन से उपाय है? तब शुकदेव जी ने राजा परीक्षित के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा की इन पापों से मुक्त होने के लिए व्यक्ति को 5 प्रकार के कार्य करना चाहिए. 1. प्रतिदिन गाय को हमारे द्वारा बनायी गई पहली रोटी खिलाना चाहिए. 2. हर रोज किसी वृक्ष की जड़ के समीप 10 ग्राम आंटा चींटियों को खिलाना चाहिए. 3. पक्षियों को प्रतिदिन अनाज के दाने डालना चाहिए. 4. प्रतिदिन किसी तालाब या जलाशय में मछलियों को आंटे की गोली बनाकर खिलाना चाहिए. 5. भोजन पकाने के बाद अग्नि देव को रोटी का चूरा, घी, शक्कर के मिश्रण का भोग लगाना चाहिए. इन पांच कार्यों को करने से व्यक्ति के द्वारा अनजाने में किये गए सभी पाप समाप्त हो जाते है. पुष्कर के अलावा कहीं नही है ब्रम्ह देव का दूसरा मंदिर, जानिए वजह हनुमान जी के जीवन से जुड़े ये रहस्य आपको भी अचंभित कर देंगे नवरात्री मनाने के पीछे एक पौराणिक कथा जो शायद आप नहीं जानते होंगे बहुत ही कम लोग महाभारत युद्ध के इस सत्य को जानते है