नई दिल्ली: दुनिया के किसी भी देश में जब खतरा आता है तब भारत सबसे पहले सहायता के लिए आगे बढ़ा देता है। ऐसे में भारत मतभेदों को भी भुलाकर मानवीय सहायता भेजता है। तुर्की में भी भूकंप की त्रासदी के पश्चात् भारत ने तत्काल राहत सामग्री एवं NDRF की दो टीमें लोगों की सहायता के लिए रवाना कर दी। हालांकि तुर्की एवं भारत के बीच कश्मीर के मामले को लेकर मतभेद रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसी को भारतीय सभ्यता की मूल भावना बताया है। एस जयशंकर ने कहा, 'हम भौगोलिक स्थितियों में प्रतिदिन ही बदलाव देखते हैं। हालांकि भारत के संबंध सभी देशों के साथ स्थिर हैं। वसुधैव कुटुंबकम की नीति के तहत भारत हमेशा मानवता की मदद करने के लिए तत्पर रहता है।' बता दें कि दिल्ली में तुर्की के दूतावास ने भी अपना शोक संदेश भेजा है। तुर्की के राजदूत ने ट्वीट कर कहा, तुर्की-हिंदी दोस्त-दोस्त, दोस्ती के लिए उपयोग किया जाता है। तुर्की में कहावत है कि आवश्यकता के वक़्त काम आने वाला ही सच्चा दोस्त है। वही तुर्की में आए भूकंप के पश्चात् अनुमान लगाया जा रह है कि कम से कम 14 हजार व्यक्तियों की मौत हुई है। अब तक 8 हजार के आंकड़े की पुष्टि हो चुकी है। वहीं राहत एवं बचाव का काम जारी है। तुर्की में कुल 5600 से अधिक इमारतें गिर गई हैं। आपदा में मरने वालों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। इस स्थिति में भारत ने 6 टन आपातकालीन राहत सामग्री एवं दवाओं के साथ मेडिकल टीम को भी तुर्की के लिए रवाना किया था। भारत ने दो ग्लोबमास्टर सी-17 के जरिए राहत सामग्री भेजी है। विदेश मंत्री ने मदद भेजने के बाद कहा था, भारत संकट के इस वक़्त में अपनी ओर से एकजुटता जताता है। VIDEO: अमेरिका ने किया चीन के जासूसी गुब्बारे का काम तमाम '...मुसलमानों का बायकॉट करना होगा', लोकसभा में बोले ओवैसी क्या है बिना हथियार लड़ा जाने वाला हाइब्रिड युद्ध जिसने उड़ाए हर किसी के होश