इस वजह से चाँद को कहा जाता है मामा

बचपन से लेकर बड़े होने तक हम सभी चांद को "चंदा मामा" ही कहते हैं। गीतों, कहानियों और कविताओं में चांद का जिक्र अक्सर मामा के रूप में होता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि चांद को मामा कहने की शुरुआत कहां से हुई?

चांद को मामा क्यों कहते हैं?: चांद को मामा कहने के पीछे धार्मिक, पौराणिक और भौगोलिक कारण माने जाते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, चांद को मां लक्ष्मी का भाई माना जाता है। चूंकि हम मां लक्ष्मी को अपनी माता मानते हैं, इस रिश्ते के अनुसार, चांद हमारे मामा हुए। इसी वजह से चांद को "चंदा मामा" कहा जाता है।

भौगोलिक कारण: अगर इसके भौगोलिक पहलू पर ध्यान दें, तो चांद धरती का इकलौता उपग्रह है और यह धरती के चारों ओर चक्कर लगाता रहता है। एक भाई-बहन के रिश्ते की तरह, चांद को धरती के आसपास घूमते हुए देखा जाता है। धरती को माता के रूप में मानने के कारण, चांद को मामा कहा जाता है।

कहानियों और कविताओं में चंदा मामा: चंदा मामा के बारे में अनगिनत कहानियां और कविताएं बनाई गई हैं, जो बच्चों को सुनाई जाती हैं। बचपन में दादी-नानी अक्सर चंदा मामा की कहानियां सुनाती थीं। यहां तक कि स्कूल की किताबों में भी चंदा मामा से जुड़ी कई कविताएं होती हैं, जो बच्चों के लिए दिलचस्प होती हैं।

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