विश्व निमोनिया दिवस को सार्वजनिक स्वास्थ्य परेशानी के रूप में निमोनिया की गंभीरता उजागर करने के लिए मनाया जाता है, और ज्यादा से ज्यादा संगठनों/देशों को रोग का मुकाबला करने के सुझाव देखने के लिए मोटिवेट किया जाता है। इस दिवस को प्रथम बार बाल निमोनिया (जीसीसीपी) के खिलाफ वैश्विक गठबंधन द्वारा ऑर्गनाइस किया गया था। जो कि इस दिक्कत को हल करने के लिए सार्वजनिक तथा राजनीतिक मदद के निर्माण में सहायता करने के लिए बनाया गया था। इस दिवस को प्रतिवर्ष मनाने के लिए 12 नवम्बर का सिलेक्शन किया गया है। निमोनिया के बारे में जागरूकता बढ़ाएं। यह वर्ल्ड में पांच साल से कम आयु वर्ग के बच्चों की मृत्यु की वजह है। निमोनिया रोकने और उसका इलाज करने के लिए हस्तक्षेप को बढ़ावा देना। निमोनिया से निपटने के लिए कार्रवाई करना। मुख्य तथ्य: दुनिया में निमोनिया पांच वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों की मृत्यु की प्रमुख वजह है। निमोनिया से साल 2015 में पांच वर्ष से कम आयु वर्ग के 920136 बच्चों की मृत्यु हुई, जो कि पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु का 16% है। निमोनिया को सरलता से रोका जा सकता है तथा बच्चों में होने वाली मृत्यु का इलाज संभव है और फिर भी हर बीस सेकंड में संक्रमण से एक बच्चा मर जाता है। निमोनिया से बच्चे को बचाया जा सकता है, इसे आसान हस्तक्षेप से रोका जा सकता है और कम लागत, कम तकनीक वाली दवाओं तथा देखभाल से उपचारित किया जा सकता है। निमोनिया क्या है? निमोनिया तीव्र श्वसन संक्रमण है, जो कि फेफड़ों को प्रभावित करता है। सामान्य रूप से अल्वियोली (कूपिका) (फेफड़ों में छोटी थैली) में श्वास के दौरान हवा भर जाती हैं, हालांकि निमोनिया में अल्वियोली में मवाद तथा द्रव भर जाता है, जो कि सांस लेने में मुश्किल उत्पन्न करता है तथा प्राणवायु लेने में कमी करता है। निमोनिया वायरस, बैक्टीरिया तथा कवक समेत कई संक्रामक एजेंटों की वजह होती है। HC ने दिल्ली में COVID-19 मामलों को देखते हुए AAP सरकार से कही ये बात क्या सच में आने वाली है शाहरुख़ खान की DON 3, जानिए क्या इसके पीछे का सच लक्ष्मी के बाद चर्चाओं में छाए शरद केलकर, जल्द इन फिल्मों में आएँगे नज़र