दाल गरीबो का खाना कहलाता है, दाल में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन और विटामिन होते है. दाल से हड्डियां मजबूत होती है. ये शाकाहारियों का अनिवार्य भोजन माना जाता है. मगर क्या आपने सुना है कि दाल से शरीर की हड्डियों को कमजोर कर देता है. व्यापारियों की मिलावट के कारण दाल प्रोटीन का नहीं जहर का स्रोत बन गई है. मिलावट के कारण यह बहुत सारी बीमारियों को न्यौता देती है. इसमें पैरालिसिस बीमारी भी शामिल है. व्यापारियों ने अरहर की दाल में खेसारी दाल की मिलावट शुरू कर दी है. यह बिलकुल अरहर दाल की तरह ही दिखती है. खेसारी दाल पर भारत सरकार ने 1961 में पाबंदी लगा दी थी, शुरुआत से पशु आहार के रूप में इस्तेमाल किया जाता था, जिसके बाद घातक प्रभाव देख कर इस पर रोक लगा दी. रिसर्च के अनुसार, खेसारी दाल में ठक्जेलीडाई-अमीनो-प्रोपियोनिक अम्ल होता है जिसके कारण शरीर का निचला हिस्सा अपंग हो जाता है. ये दाल पैर और नर्वस सिस्टम को सुन्न कर देते हैं. यह रोग मनुष्य और पशुओं दोनों में होता है. इसी साल केंद्र सरकार ने इस दाल पर से प्रतिबंध हटा लिया है, जिस कारण गरीब जाने-अनजाने इस बीमारी के खुद शिकार हो रहे है. ये भी पढ़े होम मेड बाम से पाए सर दर्द से छुटकरा जानिए क्या है सुबह सुबह खाली पेट पानी पीने के फायदे स्वस्थ रहने के लिए रोज बजाये ताली