भोपाल/ब्यूरो। मध्यप्रदेश के कूनो वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के लिए नामीबिया से आ रहे चीतों को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। विवाद तीन चीतों को लेकर हुआ है जिन्हें लेने से भारत सरकार ने मना कर दिया है। भारत सरकार का कहना है 8 में से 3 चीते कैप्टिव ब्रीड के हैं यानी इन्हें कैद में ही बड़ा किया गया है। उधर, नामीबिया ने कहा है कि इन चीतों को भारत के ही अधिकारियों ने चयनित किया था और ये चीते कैद में कभी नहीं रहे हैं। भारत सरकार ने जिन 8 चीतों का नामीबिया में चयन किया था उन्हें क्वारंटीन किया गया है। बात तब बिगड़ी जब भारतीय दल ने 3 चीतों को लेने से तब मना कर दिया जब उन्हें चीतों के हाव-भाव से कुछ शंका हुई। चीतों का रिएक्शन जंगली होने के बजाय पालतू होना पाया गया। भारतीय अधिकारियों ने नामीबियाई अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया कि ये चीते कैद में रहकर बड़े हुए हैं जिससे जंगल में रहकर इनका शिकार नहीं किया जा सकता। नामीबिया के अधिकारियों का कहना था जब आप चीते छांट रहे थे तब आपने किन बातों पर गौर करके इनका चयन किया था। वैसे नामीबिया के अधिकारियों का कहना है जिन चीतों को भारतीय अधिकारी कैद में रहकर बड़े होना बता रहे हैं वह कभी कैद में रहे ही नहीं। बताया जाता है अब नामीबिया से 5 ही चीते भारत आ पाएंगे क्योंकि नामीबिया सरकार ने अन्य चीतों को देने से इंकार कर दिया है। इसके पीछे कारण वहां भी चीतों की कमी होना बताया जा रहा है। जिन तीन चीतों को भारत ने रिजेक्ट किया है उन्हें नामीबिया सरकार जंगल में छोड़ देगी। उधर, मध्यप्रदेश के वन मंत्री विजय शाह ने दावा किया है कि नवंबर के पहले हफ्ते तक म.प्र. में चीते आ जाएंगे। सरकार ने कूनो वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में चीतों के आने से पहले चीतलों को छोड़ दिया है ताकि चीतों को सामान्य रूप से शिकार मिल सके और वे यहां की परिस्थितियों में ढल जाए। जर्मनी के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम शिवराज से की मुलाकात बाढ़ से प्रभावित जिलों में पूरी सावधानी और सतर्कता बरती जाए- सीएम शिवराज सीएम ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया सर्वेक्षण