टॉक्सिंस को निकालने में मदद करेगी ये एक चीज

ड्राई ब्रशिंग एक प्रभावी आयुर्वेदिक तकनीक है जिसमें एक सूखे और नरम ब्रश से हल्के हाथों से पूरे शरीर को ब्रश किया जाता है। यह न केवल सौंदर्यवर्धन के लिए लाभकारी है, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान में भी सहायक हो सकता है। इस प्रक्रिया को नहाने से पहले रोजाना करीब दस मिनट किया जा सकता है।

ड्राई ब्रशिंग के फायदे टॉक्सिंस का निष्कासन: ड्राई ब्रशिंग लिम्फेटिक सिस्टम को उत्तेजित करती है, जिससे शरीर से टॉक्सिंस बाहर निकलने में मदद मिलती है। ब्रश के ब्रिसल्स त्वचा के पोर्स को सक्रिय करते हैं, जिससे पसीना निकलना आसान होता है और टॉक्सिंस कम होते हैं।

ब्लड सर्कुलेशन में वृद्धि: शरीर पर ब्रश करने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिससे टॉक्सिंस के निष्कासन की प्रक्रिया में तेजी आती है।

डेड स्किन को हटाना: नियमित रूप से ड्राई ब्रशिंग करने से डेड स्किन सेल्स हट जाते हैं, जिससे त्वचा नरम और चिकनी होती है।

रिलैक्सेशन: ड्राई ब्रशिंग से शरीर को एक आरामदायक स्थिति मिलती है, खासकर यदि इसे शांत और अंधेरे स्थान पर किया जाए।

सेल्यूलाइट में कमी: महिलाओं के लिए सेल्यूलाइट की समस्या को कम करने में ड्राई ब्रशिंग सहायक हो सकती है, हालांकि इसके सटीक वैज्ञानिक कारण स्पष्ट नहीं हैं।

थायरॉइड में राहत: थायरॉइड की समस्याओं से ग्रस्त लोगों के लिए ड्राई ब्रशिंग एक लाभकारी उपाय हो सकती है, जैसा कि कई डॉक्टर सलाह देते हैं।

सावधानियाँ ड्राई ब्रशिंग करते समय कुछ बातें ध्यान में रखना महत्वपूर्ण हैं:

सेंसिटिव स्किन: जिनकी स्किन बहुत ज्यादा ड्राई या सेंसिटिव है, उन्हें ड्राई ब्रशिंग से बचना चाहिए। त्वचा की समस्याएँ: त्वचा पर किसी भी प्रकार की समस्या हो, तो ड्राई ब्रशिंग करने से पहले एक त्वचा विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए। इस प्रकार, ड्राई ब्रशिंग एक साधारण और प्रभावी विधि हो सकती है, जो त्वचा और स्वास्थ्य के लिए कई लाभ प्रदान कर सकती है।

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