आज कल इंडियन पब्लिक को पाकिस्तानी सीरियल बहुत पसंद आने लगे है। पाकिस्तानी सीरियल्स की खासियत है कि वह कहानी को वर्षों तक नहीं खींचते, कहानी पूरी होने पर उसे बंद किया जाता है। इसके साथ ही उनके शोज में आपको अपने डेली लाइफ की झलक भी देखने के लिए मिलगी। उनके अभिनेता हर वक़्त मेकअप और गहनों में जो लदे नहीं रहते है। अब पाक के शोज की इतनी बात हो ही गई है तो आपके दिमाग में अवश्य ही 'जिंदगी गुलजार है' और 'हमसफर' जैसे सीरियल आने लगे होंगे, लेकिन आज हम आपको इनकी नहीं बल्कि इससे भी पहले बने बेहतरीन सीरियल्स के बारे में बताने जा रहे हैं। हालांकि पाकिस्तान में इन्हें सीरियल नहीं ड्रामा बोला जाता है। खुदा की बस्ती: यह शो 1969 में रिलीज किया गया था। इस सीरियल को इंडिया और यूरोप के ड्रामा स्कूलों में बतौर सिलेबस पढ़ाया जाने लगा है। इसकी कहानी शौकत सिद्दीकी के नॉवेल 'खुदा की बस्ती' पर बनाई गई है। इस सीरियल को उस वक़्त इतना पसंद किया गया था कि 1974 में तत्कालीन पाकिस्तानी पीएम जुल्फिकार अली भुट्टो के कहने पर इसे दोबारा टेलीकास्ट भी किया जा चुका है। अनकही: 1982 में आया यह शो को हसीन मोइन ने अपने शब्दों में लिखा था और शोएब मंसूर और मोहसिन अली ने इसका निर्देशन किया था। इस शो की स्टोरी एक लड़की सना के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसके पिता का देहांत हो जाता है। सना के छोटे भाई के दिल में छेद होता है और ऐसे में पूरे परिवार का भार सना पर आ जाता है। उसे नौकरी लगने के उपरांत एक लड़के से प्यार हो जाता है। लेकिन सना की एक आंटी अमेरिका से अपने बेटे का विवाह कराने आती हैं और शो में ट्विस्ट आ जाता है। कहा जाता है कि सलमान खान और संजय दत्त की मूवी 'चल मेरे भाई' की कहानी इसी मूवी से प्रेरित थी। क्योंकि शो और फिल्म की कहानी कुछ हद तक एक ही है। ब्लैक बिकिनी पहनकर नम्रता ने तेज की फैंस की धड़कनें आम्रपाली दुबे संग समंदर किनारे रोमांस करते हुए नज़र आए निरहुआ भोजपुरी क्वीन ने बिकिनी की फोटो में ढाया कहर, दीवाने हो गए फैंस