हर व्यक्ति के जीवन में ग्रहों का महत्वपूर्ण स्थान है, जो व्यक्ति के जीवन से सम्बंधित सभी घटना को प्रभावित करते हैं. व्यक्ति के जीवन में जो भी उतार चढ़ाव आता है, उन सबका कारण ग्रह ही होते है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति कि कुंडली में नौ ग्रह होते है, जो उसकी कुंडली के विभिन्न भावों में विराजमान होते है और जिसके कारण ही इनका शुभ-अशुभ प्रभाव व्यक्ति पर पड़ता है. इन सभी नौ ग्रहों में से सबसे प्रभावी व बड़ा ग्रह बृहस्पति को माना गया है, जो देवताओं के देवता माने जाते है. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली के उच्च भाव में बृहस्पति ग्रह विराजमान होता है तो वह व्यक्ति अपने जीवन के सभी कार्यों में सफल होता है और उसे उसके कार्यक्षेत्र में उन्नति प्राप्त होती है. तथा, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली का बृहस्पति ग्रह कमजोर होता है, तो उसे कई प्रकार की समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है. तो आइये जानते है इनका निवारण किस प्रकार से किया जा सकता हैं... 1. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति ग्रह निर्बल होता है, तो उसे गुरुवार का व्रत रखना चाहिए और साथ ही पीले वस्त्र धारण करना चाहिए, इतना ही नहीं पीले खाद्य पदार्थ से बने व्यंजन जैसे बेसन के लड्डू व फलों में आम का सेवन भी करना लाभदायक होता है. 2. गुरूवार के दिन बृहस्पति देव की प्रतिमा व तस्वीर को पीले रंग के वस्त्र में स्थापित कर पंचोपचार से उनका पूजन कर उन्हें केसरिया, चंदन, पीले चावल, पीले फूल आदि अर्पित करना चाहिए. 3. यदि गुरु के मंत्र “ॐ बृं बृहस्पते नम:” का जप 108 बार करें तो इससे समस्त दोष दूर होते है. 4. यदि गुरूवार के दिन पीली वस्तुओं का दान किया जाता है, तो बृहस्पति का दुष्प्रभाव कम होता है. 5. भगवान शिव को बेसन का लड्डू चढ़ाने से भी बृहस्पति ग्रह से मुक्ति मिलती है. सूर्यदेव के यह 21 नाम जीवन में समस्यायों का अंत करते हैं क्रिकेट के सटीक भविष्यवक्ता ने विराट को लेकर कही ये बात अंतरिक्ष यात्री बनेंगे किंग खान, सितम्बर में शुरू करेंगे शूटिंग माँ लक्ष्मी को अपनी ओर खींचती हैं आपके घर में रखी ये चीजें