नई दिल्ली: फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाने वाला महाशिवरात्रि पर्व, देवों के देव महादेव को प्रसन्न करने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। इस दिन भगवान शिव के भक्त उनकी पूजा-अर्चना कर भगवान शिव से मनोवांछित फल प्राप्त कर सकते हैं। वर्ष 2021 में महाशिवरात्रि 11 मार्च को पड़ रही है। इस दिन गुरुवार को त्रयोदशी और चतुर्दशी एक ही दिन आ रही हैं। ज्योतिषविदों के अनुसार, इस साल महाशिवरात्रि का पर्व और भी अधिक विशेष रहने वाला है क्योंकि 101 साल बाद इस पर्व पर एक विशेष संयोग बनने जा रहा है। ज्योतिषियों का कहना है कि महाशिवरात्रि के दिन तीन बड़े संयोग बन रहे हैं। शिवयोग, सिद्धियोग और घनिष्ठा नक्षत्र का संयोग। जिससे महाशिवरात्रि का महत्व और भी बढ़ गया है। इन शुभ संयोगों के बीच महाशिवरात्रि के दिन महादेव की पूजा-अर्चना करना भक्तों के लिए बेहद कल्याणकारी होगा। बता दें कि 101 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है। बता दें कि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाने वाला महाशिवरात्रि पर्व हिन्दुओं के मुख्य त्योहारों में शामिल है। भगवान शिव की महिमा एवं शक्तियां अनंत हैं। उनकी विभूतियों से वेद पुराण आदि धर्म ग्रंथ परिपूर्ण हैं। 'ऊँ नम: शिवाय' मंत्र शिव स्वरूप है। प्रणव से युक्त यह पंचाक्षर मंत्र सम्पूर्ण मनोरथों की पूर्ति करने वाला है। शिव का अर्थ ही है कल्याण। महाशिवरात्रि का अर्थ है कल्याण की रात्रि। भगवान शिव की कृपा प्राप्त होने पर मनुष्य अभय को प्राप्त हो जाता है। आज किसी की चमकेगी किस्मत तो किसी की होगी यात्रा, यहाँ जानें आपका राशिफ़ल यदि आप भी है शनि साढ़ेसाती से पीड़ित तो शनैश्चरी अमावस्या पर जरूर अपनाएं ये उपाय जानिए आखिर क्यों महाशिवरात्रि पर 4 पहर की पूजा होती है खास?