अगरतला: बांग्लादेश में हाल ही में शेख हसीना सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा और अत्याचार बढ़ गए हैं। इस दौरान, हिंदुओं के घरों और प्रतिष्ठानों पर हमले, लूटपाट और बर्बरता की घटनाएं सामने आई हैं। बांग्लादेश में हो रहे इन अत्याचारों को लेकर त्रिपुरा ने बड़ा कदम उठाया है। त्रिपुरा ने बांग्लादेश से 135 करोड़ रुपये का बिजली बकाया तुरंत चुकता करने की मांग की है और इसके साथ ही राज्य के अस्पतालों ने बांग्लादेश के मरीजों का इलाज बंद करने का ऐलान किया है। यह निर्णय बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे जुल्म और भारतीय बसों पर हमले के बाद लिया गया। त्रिपुरा के बिजली मंत्री रतन लाल नाथ ने कहा कि बांग्लादेश पर 135 करोड़ रुपये बकाया हैं, हालांकि वे नियमित रूप से भुगतान कर रहे हैं। इसके अलावा, अगरतला के ILS अस्पताल ने बांग्लादेशी मरीजों का इलाज न करने का फैसला किया है। अस्पताल के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर गौतम हजारिका ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचारों और तिरंगे का अपमान किए जाने के कारण यह कदम उठाया गया है। इससे पहले, कोलकाता के जेएन राय अस्पताल ने भी बांग्लादेशी मरीजों का इलाज बंद करने की घोषणा की थी। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर चिंता जताई और कहा कि शेख हसीना के शासनकाल में आतंकवादी जेल में थे, लेकिन अब वे जेल से बाहर आ गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि त्रिपुरा, बांग्लादेश से सटे होने के कारण, स्थिति पर निगरानी रखे हुए है। इसके अलावा, त्रिपुरा के परिवहन मंत्री सुशांत चौधरी ने बांग्लादेश में एक भारतीय बस पर हमले का आरोप लगाया। यह घटना ब्राह्मणबारिया जिले में हुई, जहां बस को जानबूझकर टक्कर मारी गई और भारतीय यात्रियों को धमकियां दी गईं। मंत्री ने इस घटना की कड़ी निंदा की और बांग्लादेश के प्रशासन से भारतीय यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की। शिवलिंग पर खून फेंकने वाला इलियास गिरफ्तार, लोग बता रहे मानसिक बीमार..! 29वीं मंजिल से कूदकर पूर्व IPS की बेटी ने की ख़ुदकुशी, जांच में जुटी पुलिस 'भारत में मुस्लिमों पर अत्याचार, बांग्लादेश जैसे हालात..', कांग्रेस नेता राशिद अल्वी का बयान