एक बार फिर ये बात लोगों की ज़ुबान पर आने लगी है कि थियेटर में पब्लिक आ ही नहीं रही है. थियेटर में आने की बजाय वो मूवी के OTT पर रिलीज़ होने की बात की जाने लगी है. हाल-फ़िलहाल में हिंदी मूवीज में कश्मीर फ़ाइल्स (वजहें अलग हैं) और भूल भुलैया ही थोड़ी-बहुत भीड़ ख़ुद तक खींच कर ला चुके है. बाकी, कोविड-काल के उपरांत सिर्फ़ KGF और RRR ही वो फ़िल्में दिखाई दे रही है जिन्हें खचाखच भरी सीटें नसीब हुई हैं. इसी सब के मध्य हिंदी और मातृभाषा की पूरी भसड़ तेज़ हुई और इसमें मूवी इंडस्ट्री के बड़े नाम अपनी-अपनी बात रखते हुए दिखाई दिए. मालूम पड़ा कि एक दक्षिण इंडिया के ग़ैर-हिंदी स्टार ने बोला है दिया कि हिंदी मूवी इंडस्ट्री उन्हें अफ़ोर्ड ही नहीं कर सकती है. यहां हम इस बहस में नहीं जायेंगे और न ही किसी प्रकार का ज्ञान देने वाले है. फ़िलहाल, आप ये जान सकते हैं कि अगर निरंतर ढीले होते जा रहे हिंदी कॉन्टेंट से उकता चुके हैं (गुल्लक 3 और पंचायत आप निपटा चुके हैं) और दक्षिण भारतीय मूवी देखना पसंद है तो हम आपके लिए लेकर आए है कुछ खास मूवी... पाड़ा (2022): एक और फ़िल्म इसमें जोजू जॉर्ज हैं. ये मूवी एक सत्य घटना पर आधारित हैं. वर्ष 1996 में पलक्कड़ ज़िले के कलेक्टर साहब को उन्हीं के दफ़्तर में बंधक बना चुके है. एक तगड़े प्लान के साथ आये इन 'अपराधियों' ने ख़ुद को आदिवासियों के हित में काम करने वाले समूह का सदस्य कहा गया है. ये लोग भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल के विरोध में इस घटना को अंजाम भी दे चुके है. सिस्टम से लड़ाई की एक सच्ची घटना को दिखाती ये मूवी कट-टु-कट बात करती है और कहीं भी इम्पैक्ट को कम नहीं होने देती. कमाल KM द्वारा बनायी गयी इस मूवी को हर तरफ़ से अच्छी ही बातें सुनने को मिलीं. फ़िल्म प्राइम वीडियोज़ पर मौजूद है. जल्द ही OTT पर रिलीज की जाएगी सॉउथ की मूवी धनुष संग दिए बेड सीन्स पर मालविका से पूछा गया अजीब सवाल तो एक्ट्रेस ने कह डाली ये बात Salaar के सेट से सामने आया प्रभास का लुक