मुंबई: शनिवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एक बयान दिया जो कि ख़बरों में आ गया है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल होने में कोई खुशी नहीं है तथा इस पद पर होने पर बहुत दुख है। महाराष्ट्र राजभवन में आयोजित जैन समुदाय के एक समारोह में कोश्यारी ने कहा कि भले ही पद पर कोई खुशी नहीं है, मगर जब आध्यात्मिक नेता गवर्नर हाउस में आते हैं तथा वे ऐसे समारोहों में हिस्सा लेते हैं तो उन्हें बहुत खुशी मिलती है। वही बयान पर सवाल किए जाने पर बीजेपी नेता मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा कि बयान पर कोई विवाद पैदा नहीं होना चाहिए तथा राज्यपाल ने दूसरे संदर्भ में ऐसा कहा था। बता दें कि अपने बयान के चलते पहले भी महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी विवादों का सामना कर चुके हैं। बीते महीने ही एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भगत सिंह कोश्यारी ने मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी महाराज को 'पुराने समय का प्रतीक' कहकर विवाद खड़ा कर दिया था। तत्पश्चात, राज्यपाल कोश्यारी की खूब आलोचना हुई थी। इस बीच भगत सिंह कोश्यारी ने अमित शाह को एक पत्र भी लिखा था। इसमें उन्होंने लिखा था, 'मैं देश के महापुरुषों का अपमान करने की बात सपने में भी नहीं सोच सकता। आज के कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति का उदाहरण देना महान नेताओं का अपमान नहीं हो सकता। मैं मुगल युग के चलते साहस एवं बलिदान के प्रतीक महाराणा प्रताप, गुरु गोबिंद सिंहजी एवं छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे महापुरुषों का अपमान करने के बारे में सपने में भी नहीं सोच सकता।' 'कश्मीर में तिरंगा उठाने वाला नहीं मिलेगा..', कहने वालीं 'महबूबा' को अब लग रहा राष्ट्रीय ध्वज बदलने का डर सुक्खू कैबिनेट का विस्तार आज, हिमाचल प्रदेश को मिलेंगे नए मंत्री जोशीमठ में आई आफत देख विचलित हुए राहुल गांधी, कांग्रेस कार्यकर्ताओं से की ये अपील