इस बार उत्तराखंड चुनाव में बीजेपी की होगी सिख और बंगाली वोटर्स पर नज़र

देहरादून: विधानसभा चुनाव में जातीय समीकरण साधने के लिए बीजेपी ने सियासी चौसर पर मोहरे बैठना शुरू कर दिए है। देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिले में पार्टी के केंद्रीय नेता विभिन्न सम्मेलनों और बैठकों के जरिये अपने इस अभियान में लग चुके है। 

तीन विधानसभा सीटों पर बंगाली समुदाय के मतदाताओं का प्रभाव: इसी रणनीति के अंतर्गत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तराई में बंगाली समाज के लोगों के साथ जिस अंदाज में संवाद किया उसे बंगाली समाज के लोगों को रिझाने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।  जहां इस बात का पता चला है कि ऊधमसिंह नगर की तीन विधानसभा सीटों पर बंगाली समुदाय के मतदाताओं का प्रभाव देखने को मिल सकता है। इनमें सितारगंज, रुद्रपुर और गदरपुर विधानसभा सीटें हैं। ये तीनों विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। पार्टी की रणनीति के मुताबिक नड्डा का बंगाली समाज के लोगों के साथ संवाद करवाया गया था। 

अब तक मिली जानकारी के अनुसार नड्डा ने बंगाली समाज के लोगों के प्रमाण पत्रों से पूर्वी  पाक  के शब्द हटाने के निर्णय को ऐतिहासिक कहा है। जहां इस बारें में उन्होंने बोला है कि पुष्कर धामी सरकार बंगाली समाज के लोगों के हित में  निर्णय ले रही है। जेपी नड्डा ने एक तरह से बंगाली समाज के लोगों से विधानसभा चुनाव में बीजेपी का समर्थन की अपेक्षा की। बंगाली समाज के साथ ही US नगर में सिख मतदाताओं को रिझाने के लिए बीजेपी पूरी ताकत लगाने में लगी हुई है। जिले की 9 में से आधा दर्जन सीटों पर सिख मतदाताओं का प्रभाव भी देखने को मिल सकता है। जिले में कांबोज, जट और राय सिखों की बड़ी आबादी है। बीजेपी को किसान आंदोलन के चलते सिख मतदाताओं को लेकर चिंता और भी बढ़ती जा रही है। इतना ही नहीं पार्टी ने राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह को सह चुनाव प्रभारी बनाकर जिले की कुछ सीटों की जिम्मेदारी सौंपी है। 

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