नई दिल्ली: देश के बढ़ते कोरोना केसों को देखकर विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है तथा इसमें ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron variant) तथा डेल्टा वैरिएंट (Delta variant) रफ़्तार से फैल रहे हैं। भारत में कोरोना संक्रमण के बीते 24 घंटे में 1.68 लाख नए केस सामने आए हैं। वहीं यदि बात ओमिक्रॉन की करे तो भारत में इसके कुल 4,461 हो गए हैं। ओमिक्रॉन को लेकर अधिकांश विशेषज्ञों का कहना है कि ये बेहद गंभीर तौर पर बीमार नहीं कर रहा है, हालांकि ओमिक्रॉन से संक्रमित कुछ लोग रिकवरी के पश्चात् भी कई दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। उनमें लॉन्ग कोविड के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। वही यूनाइटेड किंगडम की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना का दुर्लभ लक्षण 'ब्रेन फॉग' ओमिक्रॉन वैरिएंट में भी देखने मिल रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना संक्रमित ZOE COVID स्टडी ऐप में अपने लक्षणों के बारे में बता रहे हैं। कई लोग "ब्रेन फॉग" के बारे में भी बता रहे हैं कि उन्हें इस दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। यह ऐप पेशेंट द्वारा बताए गए लक्षणों का विश्लेषण करती है। वही ब्रेन फॉग बीते कुछ वक़्त से कोरोना का कॉमन लक्षण है। रिपोर्ट के अनुसार, ब्रेन फॉग के बारे में खबरें अक्टूबर 2020 में सामने आई थीं, जब कि कोरोना महामारी की पहली लहर चल रही थी। ब्रेन फॉग को कोरोना के नार्मल लक्षण जैसे बुखार, ठंड लगना, सांस लेने में दिक्कत, खांसी और शरीर आदि में सम्मिलित नहीं किया गया था। अलबामा यूनिवर्सिटी बर्मिंघम की न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. श्रुति अग्निहोत्री के अनुसार, ब्रेन फॉग में ज्यादा सिरदर्द एवं याददाश्त कमजोरी जैसी दिक्कत हो सकती हैं। डॉ. श्रुति के अनुसार, “कई बार कोरोना मरीज बुखार तथा सांस लेने में परेशानी जैसी दिक्कत से तो रिकवर हो जाते हैं, लेकिन वे लोग सिरदर्द तथा याददाश्त कमजोरी जैसी शिकायत करते हैं, इसे ब्रेन फॉग के तौर पर जाना जाता है। कई मरीज ऐसे भी होते हैं जिनका कहना होता है कि वे किसी काम पर ध्यान नहीं कर दे रहे हैं या फोकस करने में मुश्किल हो रही है। यह भी ब्रेन फॉग की वजह से ही होता है। यह लक्षण ओमिक्रॉन वैरिएंट में भी देखने मिल रहा है, अब देखना यह है कि इस वैरिएंट में ब्रेन फॉग किस प्रकार से लोगों को प्रभावित करेगा।” वही यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन की न्यूरोसाइंटिस्ट एथेना अकरामी के अध्ययन के अनुसार, कोरोना से ठीक होने वाले लोग जिनके शरीर से संक्रमण जा चुका होता है मगर रिकवरी के लंबे वक़्त पश्चात् भी उनमें 200 से ज्यादा लक्षण देखे जा सकते हैं। रिसर्च में सम्मिलित हुए लोगों ने रिकवरी के 16 महीने पश्चात् भी अपने शरीर में कई लक्षण नजर आए। जिनमें माहवारी का बदलना, सेक्सुअल डिस्फंक्शन, खुजली, मानसिक थकान, भ्रम, कंपन, दिल का तेजी से धड़कना, शारीरिक थकान आदि लॉन्ग कोविड के सामान्य लक्षण सम्मिलित थे। इन लक्षणों में 'ब्रेन फॉग' भी सम्मिलित था। कोरोना के बाद 'ओमिक्रॉन' ने बढ़ाया खतरा, इन 4 राज्यों में 400 से ज्यादा मामले आए सामने ट्रैन में यात्रा करने वालों के लिए बुरी खबर, रेलवे ने उठाया ये बड़ा कदम पत्नी से गैंगरेप करने का पति ने लिया ऐसा बदला कि सुनकर काँप जाएंगी रूह