नई दिल्ली: केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड एक्ट में संशोधन के लिए एक विधेयक लाने की योजना बना रही है। खबर है कि शुक्रवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में इस पर चर्चा हुई थी। इस प्रस्तावित संशोधन का असदुद्दीन ओवैसी समेत कई मुस्लिम नेताओं ने विरोध किया है, इसे मुस्लिमों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप बताया है। इसके विपरीत, अजमेर के मुस्लिम संगठन ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीं काउंसिल ने इस कदम का स्वागत किया है। काउंसिल के चेयरमैन सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि इससे वक्फ बोर्ड में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने में मदद मिलेगी और इसका स्वागत किया जाना चाहिए, लेकिन ध्यान रखा जाए कि किसी के हित प्रभावित न हों। चिश्ती ने बताया कि उन्होंने समय-समय पर सरकार से वक्फ एक्ट में संशोधन की मांग की है और कई बार सरकार को मेमोरेंडम भी दिया है। अब मीडिया से उन्हें पता चला है कि सरकार संशोधन विधेयक लाने की तैयारी में है। उन्होंने कहा कि दरगाहों की स्थिति तय करना और उन्हें संरक्षण देना जरूरी है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे इस मुद्दे पर राजनीति न करें और मुस्लिमों के हितों का ध्यान रखें। उन्होंने विरोध करने वालों से अपील की कि वे चर्चा में हिस्सा लें और विधेयक को पास कराने में मदद करें। चिश्ती ने जोर दिया कि वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता होनी चाहिए और उसमें भ्रष्टाचार की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। वर्तमान में हर राज्य के वक्फ बोर्ड्स में भ्रष्टाचार है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को उन्होंने इस बारे में लिखा था और उनसे मुलाकात भी की थी। उन्हें उम्मीद है कि यह विधेयक अल्पसंख्यकों और मुसलमानों के हित में होगा और मुस्लिम समुदाय को इस मसले पर भटकाने की जरूरत नहीं है। क्या भारत में भी बांग्लादेश जैसी स्थिति चाह रहे संजय राउत ? देखें शिवसेना सांसद का बयान रेलवे का बड़ा कदम, इन 10 ट्रेनों के रूट्स में किया बदलाव शेख हसीना के इस्तीफे से बांग्लादेशी कट्टरपंथियों में जश्न, लेकिन भारतीय वामपंथी क्यों खुश ? भारत के लिए चिंता की बात !