टोने-टोटकों के संसार में उतारों का बहुत ही अधिक महत्व हैं. बालकों को नजर लग जाने, किसी के भूत बाधाग्रस्त होने अथवा बीमार हो जाने पर झाड-फूंक के साथ ही उतारे भी किए जाते हैं. कोई भी उतारा सर से पैर की ओर सात बार उतारा जाता है. इस उतारे के करने से वह बीमारी अथवा दुष्ट आत्मा उस मिठाई के टुकडें पर आ जाती है और इस उतारे को घर से दूर रख आने पर उसके साथ ही घर से बाहर चली जाती है. रविवार-इतवार के रोज यदि उतरा करना हो, तो बर्फी से उतारा करे बर्फी गाय को खिला देनी चाहिए. सोमवार-सोमवार के दिन भी यदि उतरा करना हो, तो उस रोज भी बर्फी के टुकडें से उतारा करके गाय को ही खिलाना चाहिए. मंगलवार-यदि मंगल के दिन उतारा करने की आवश्यकता पडें, तो उस रोज मोतीचूर के लड्डू से उतारा करना चाहिए और उसके कुत्ते को डालना चाहिए. बुधवार-बुधवार के दिन यदि उतारा करना हो, तो उस दिन इमरती अथवा मोतीचूर के लड्डू से उतारा करना चाहिए और उसे कुत्ते को डालना चाहिए. गुरूवार-बृहस्पतिवार के दिन शाम के समय पांच मिठाइयां एक दोने मे रखकर उतारा करना चाहिए. उतारा करके उसमें धूपबत्ती और छोटी इलायची रखकर पीपल के पेड की जड में पश्चिम दिशा में रखकर लौट आना चाहिए. उतारा करके आते समय पलटकर नहीं देखना चहिए और न ही रास्ते में किसी से बोलना चाहिए. घर आकर हाथ-पैर धोकर तब कोई कार्य करना चाहिए. शुक्रवार-शुक्रवार को यदि उतारा करना हो, तो शाम के समय मोतीचूर के लड्डू से ही उतारा करके उसे कुत्ते को डालना चाहिए. शनिवार-शनिवार के दिन इमरती और मोतीचूर के लड्डूू से उतारा किया जाता है. यदि शनिवार के दिन काला कुत्ता मिले और उसे इमरती डाली जाए तो बहुत अच्छा होता है. जाने क्या हो आपके घर का नंबर