इस साल बिहार के 'दही-चूड़ा' भोज का स्वरूप बदला

आज मकर संक्रांति है . पूरे देश में उत्साह के साथ मनाई जाती है .लेकिन बिहार की संक्रांति का अपना महत्व है . यहाँ का दही चूड़ा भोज विख्यात है . लेकिन इस साल इसका स्वरूप बदला हुआ है , क्योंकि राजनीतिक परिस्थितियाँ बदल चुकी है .राजद और जदयू का गठबंधन टूट चूका है . लालू यादव इन दिनों जेल में है .

बता दें कि बिहार की राजनीति में मकर संक्रांति के भोज का खासा महत्व है. दही-चूड़ा, तिलकुट, गजक और खिचड़ी समेत अन्य व्यंजनों का रसास्वादन का आनंद लिया जाता है.इसकी बानगी हर साल देखने को मिलती है .इस बार भी वही नजारा बदले रूप में दिखेगा .पिछले साल लालू के हाथों से दही का तिलक लगवाने वाले नीतीश आज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा आयोजित भोज  के साथ ही लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान और फिर भाजपा के नेताओं द्वारा आयोजित भोज में भी शामिल होंगे.

वशिष्ठ नारायण सिंह की ओर से उनके आवास पर आयोजित इस भोज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित पार्टी के सभी वरीय नेता, पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता के अलावा एनडीए के नेता भी शामिल होंगे.जबकि दूसरी ओर लालू यादव की बहन गंगोत्री देवी के निधन और लालू के जेल में होने से दही चूड़ा भोज का आयोजन नहीं करेगा. इस बार इस त्यौहार की तस्वीर पलट गई है .नीतीश तो सियासत के साथ-साथ भोज का आनंद ले रहे हैं लेकिन लालू फिलहाल जेल में हैं.

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