वह शिक्षा बेकार हैं, जो समाज से अछूती हो: प्रो. दीक्षित

गोरखपुर: गोरखपुर विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र विभाग और शिक्षक महासंघ के द्वारा आयोजित ‘भारतीय उच्च शिक्षा: यथार्थ एवं आकांक्षाएं’ विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का कल रविवार को समापन हो गया. जिसमे कई शिक्षकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई . समारोह के मुख्य अतिथि रहे अवध यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने बताया शिक्षा हर किसी का जन्म सिद्ध अधिकार हैं. चाहे वह लड़का हो या लड़की. सभी को इसे ग्रहण करने का पूर्ण अधिकार प्राप्त हैं, परन्तु वह शिक्षा किसी काम की नहीं जो समाज की जरूरतों को पूरा न करे. समाज के काम न आए. ऐसी शिक्षा बेकार है.

कुलपति ने आगे बताया कि आधुनिक दौर में उच्च शिक्षा की स्थिति काफी खराब होती जा रही है, यदि उच्च शिक्षा की स्थिति का मूल्याङ्कन करना हैं, तो हमें महाविद्यालयों के स्तर से आरंभ कर विश्वविद्यालय तक जाना होगा. हमने शिक्षा नीति को मजबूती प्रदान करने हेतु छात्रों पर दबाव बनाने वाले और उन्हें मजबूर करने वाली व्यवस्थाएं तो अपना लीं. परन्तु क्लासरूम में उत्पन्न होने वाली जिज्ञासाओं का सामना करने का साहस अध्यापकों में कब पैदा करेंगे, यह काफी विचार करने वाली बात है. 

 

डॉ. आमोद राय ने संगोष्ठी की आख्या प्रस्तुत की. संचालन महासंघ के उपाध्यक्ष प्रो. रविशंकर सिंह ने किया. गोष्ठी में प्रो. आरडी राय, प्रो. ईश्वर शरण विश्वकर्मा, प्रो. केन सिंह ने भी अपने विचार रखे, इस दौरान पूर्व कुलपति प्रो. अशोक कुमार, प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी, प्रो. गोपाल प्रसाद, प्रो. विनोद सिंह, प्रो. संदीप दीक्षित, प्रो. नंदिता सिंह आदि मौजूद थे.

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