22 मार्च से चैत्र नवरात्रि का शुंभारंभ हो गया है। आज नवरात्रि का तीसरा दिन है। वही आज हम आपको ऐसी माता के बारे में बताने जा रहे है जो 1965 में भारत-पाक युद्ध का गवाह है। यह मंदिर राजस्थान के जैसलमेर में स्थित है। इस मंदिर को तनोट राय माता मंदिर के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि यहां से पाकिस्तान बॉर्डर सिर्फ 20 किलोमीटर है। BSF की आराध्य हैं देवी मां:- कहा जाता है कि तनोट माता BSF की आराध्य हैं। BSF के जवान ही मंदिर की देखरेख करते हैं। कहा जाता है कि 1965 के युद्ध में पाकिस्तानी सेना की तरफ से माता मंदिर के क्षेत्र में लगभग 3000 बम गिराए थे, मगर मंदिर को कोई नुकसान नहीं हुआ तथा सभी बम बेअसर हो गए थे। चमत्कार देख झुक गया था पाकिस्तानी ब्रिगेडियर:- मंदिर परिसर में आज भी लगभग 450 पाकिस्तानी बम आम लोगों के देखने के लिए रखे गए हैं। बताया जाता है कि ये सभी बम उस वक़्त फटे ही नहीं थे। 1965 के युद्ध के चलते माता के चमत्कारों को देखकर पाकिस्तानी ब्रिगेडियर शाहनवाज खान नतमस्तक हो गया। तत्पश्चात, पाकिस्तानी ब्रिगेडियर शाहनवाज खान तनोट राय माता मंदिर के दर्शन के लिए भारत सरकार से इजाजत मांगी। बताया जाता है कि लगभग ढाई वर्ष पश्चात् उसे दर्शन को इजाजत मिली। इसके बाद शाहनवाज खान ने माता की प्रतिमा के दर्शन किए एवं मंदिर चांदी का छत्र भी चढ़ाया, जो आज भी मंदिर में है। विजय स्तंभ भी है यहां:- देवी मां के इस मंदिर का रख-रखाव सीमा सुरक्षा बल (BSF) ही करता है। 1965 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध की याद में एक विजय स्तंभ का भी निर्माण किया गया है। ये स्तंभ भारतीय जवानों की वीरता की याद दिलाता है। रमजान में ब्रश करने से टूट जाता है रोजा? यहाँ जानिए इस सवाल का जवाब 'ईसाई धर्म अपना लो, एक लाख रूपये मिलेंगे', गिरफ्तार हुआ धर्म परिवर्तन का लालच देने वाला युवक आज इन स्तोत्र, मंत्र और कवच से करें मां स्कंदमाता को प्रसन्न