डिंडौरी : मप्र के डिंडौरी जिले में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। सामूहिक दुष्कर्म से जन्मे बच्चे के प्रमाण-पत्रों में तीन पिता का नाम लिखा हुआ है। ये तीनों वही हैं, जिनपर महिला से दुष्कर्म करने का आरोप लगा। इसी घटना के बाद महिला गर्भवती हो गई और फिर बच्चे का जन्म हुआ। तीनों आरोपी तीन साल तक जेल में रहे। बाद में साक्ष्यों के अभाव में कोर्ट ने इन्हें बरी कर दिया। लेकिन एक पंचायत सचिव की लापरवाही से अब भी उनका नाम बच्चे और उसकी मां का पीछा नहीं छोड़ रहा है। पांचवीं की पढ़ाई तक तो सबकुछ ठीक चलता रहा, लेकिन जब बच्चे की छठवीं में एडमिशन की बारी आई तो मामले का खुलासा हुआ। जन्म प्रमाण-पत्र और अंकसूची में तीन पिता का नाम दर्ज होने पर स्कूल ने एडमिशन नहीं दिया। मां दो साल से इसके लिए भटक रही है। अब जिला प्रशासन जांच में जुटा है कि गड़बड़ी कहां हुई। यह है मामला- कोतवाली के एक गांव में 2003 में 16 वर्षीय नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ। गांव के तीन युवक मल्ले सिंह, ओमप्रकाश, बसंत दास को पुलिस ने इसका आरोपी बनाया। तीनों को जेल भेज दिया गया। इधर, नाबालिग गर्भवती हो गई और उसने 15 मार्च 2004 को बच्चे को जन्म दिया। पंचायत सचिव पीएच परस्ते ने तीनों आरोपियों के नाम जन्म प्रमाण-पत्र में बतौर पिता लिख दिया। इसी के आधार पर बच्चे का सरकारी स्कूल में पहली कक्षा में प्रवेश हो गया। मां जब छठवीं में बच्चे का एडमिशन कराने मिडिल स्कूल गई तो प्रधानाध्यापक ने यह कहकर उसे मना कर दिया कि पिता का नाम स्पष्ट नहीं है।