देहरादून : उत्तरभारत को ठंड ने अपनी चपेट में ले लिया है. वहीं पूरे प्रदेश के पहाड़ी जिलों में लगातार बर्फबारी हो रही है इसकी वजह से यहां पर तीन फ़ीट से ज्यादा बर्फ जमा ही चुकी है, उधर मैदानी जिलों में ठंडी तेज हवाओं ने लोगों को घरों में कैद करके रख दिया है या फिर आग और अलाव के सहारे रोजमर्रा की जिंदगी जीने के लिए मजबूर कर दिया है. अभी तक पूरे प्रदेश में 6 मौतें इस प्रचंड ठंड की वजह से हो चुकी हैं जिनमे महिलाएं भी शामिल हैं. ठंड कितनी है और इससे कितनी परेशानी आम आदमी को और उत्तराखंड में आने वाले यात्रियों को हो रही है, लोग बिना किसी आग-अलाव के किसी तरह से ठंड से मानो मुकाबला करते नज़र आ रहे हैं. वहीं पटना से आए एक व्यक्ति ने बताया कि वे पिछले 6 घंटे से अपने परिवार के साथ खुले आसमान में खड़े हैं, इस भरोसे कि कब उनकी ट्रेन आएगी और वो किसी तरह से अपने घर पहुंच पाएंगे. मगर जिस ट्रेन से उन्हें जाना है वह देहरादून ही 12 घंटे देर से पहुंची थी और उसके बाद 5 घंटे अभी और बाकी हैं उसे दुबारा चलने में. ऐसा ही हाल एनआर गोपाल का भी था जो 10 साल के बाद ट्रेन का सफर कर रहे हैं. उनकी मानें तो उनको लगता था कि अब सब कुछ बदल गया होगा. देश बदल गया होगा, सुविधाएं अच्छी हो गयी होंगी, वहीं उनकी मानें तो कोहरा पड़ना तो प्राकृतिक बात है, जिसको हम नहीं रोक सकते. मगर क्या रेलवे कहीं पर आग या किसी ऐसे कमरे की व्यवस्था भी नही कर सकता कि छोटे-छोटे बच्चे और महिलाएं अपने आपको इस प्रचंड ठंड से बच सकें. यूपी पुलिस ऑन फायर-किये एक हज़ार एनकाउंटर कोच करता है नाबालिग एथलीटों से अश्लील हरकत माँ और भाई ने नाबालिग को बंधुआ बनाया फिर बेंचा