हाल ही में चीन और भारत के चल रहे विवाद के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन की दो दिनी यात्रा पर थे. शनिवार को मोदी की यात्रा का अंतिम दिन था जिसके बाद वो भारत लौटकर आएँगे. हालाँकि मोदी का दो दिनी दौरा अनौपचारिक था इस कारण औपचारिक तौर पर कोई जॉइंट बयान जारी नहीं किया. इस दौरे को एक तरह से अनौपचारिक शांतिवार्ता भी कह सकते है. इस दौरे पर मोदी ने चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग से कृषि, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और पर्यटन क्षेत्र के सम्बन्ध में बाते हुई. इस मीटिंग की सबसे खास बात यह थी कि 72 दिनों तक चीन-भारत के बीच चले डोकलाम विवाद के बाद यह पहली मीटिंग थी. क्यों महत्वपूर्ण है यह दौरा: 1. हाल ही में चीन और भारत के बीच 72 दिनों तक लगातार डोकलाम विवाद चला था जिसके बाद भारत के सामने सुरक्षा से संबंधित कई मुसीबतें खड़ी हो गई थी, इसलिए इस हिसाब से देखा जाए तो सबसे महत्वपूर्ण कारण जो इस मीटिंग से निकलकर आ रहा है वो डोकलाम विवाद ही है. 2. विश्वभर के इंटरनेशनल मीडिया एजेंसी के अनुसार कहीं-न-कहीं विश्वयुद्ध की सुगबुगाहट देखने को मिल थी, एक तरफ सीरिया जैसे देशों में कई देश आपस में भीड़ रहे है, इस हिसाब से भारत के लिए ये बेहद जरुरी है कि वो अपने पड़ोसी देशों से अच्छे संबंध बनाकर रखे और शांतिपूर्वक एक देश दूसरे देश की सफलता में सहयोगी बने. 3. चीन आज विश्व की सबसे मजबूती से बढ़ता आर्थिक देश है, चीन ने अंतराष्ट्रीय स्तर पर खुद को खुद की बदौलत एक ऐसे मुकाम पर खड़ा किया है जहाँ वो विश्वशक्ति बनने की काबिलियत रखता है इस नजरिए से भी जरुरी है कि चीन जैसे देशों से हम दुश्मनी न करे. दलितों के गांव को गोद लेंगे पीएम मोदी राहुल गाँधी के साथ हादसा और उसकी जांच ठन्डे बस्ते में ! कर्नाटक: पोर्न वीडियों कांड ने धूमिल कर दी थी जे कृष्णा पालेमार की छवि