नई दिल्ली. गुजरात विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद संसद का शीतकालीन सत्र शुरु होने जा रहा है. शुक्रवार को तीन तलाक को गैर जमानता अपराध बनाने वाले बिल को कैबिनेट से मंजूरी मिल सकती है. इस बिल में तीन तलाक देने पर तीन साल तक की सजा का प्रावधान है. कैबिनेट की मंजूरी के बाद संसद के शीतकालीन सत्र में इसे पेश किया जाएगा. तीन तलाक के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शुरुआत से ही मुखर रही है. बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस सरकार ने इसके खिलाफ जरूरी कदम नहीं उठाए. केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पिछले दिनों कहा था कि नरेंद्र मोदी सरकार मुस्लिमों में तीन तलाक की प्रथा को समाप्त करने के लिए कानून लाने वाली है. इस बिल में तीन तलाक देने पर तीन साल की सजा व जुर्माने का प्रावधान रखा गया है. सरकार ‘द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट’ नाम से इस विधेयक को लाएगी. पीएम नरेंद्र मोदी ने तीन तलाक पर कानून बनाने के लिए एक मंत्री समूह बनाया था, जिसमें राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, रविशंकर प्रसाद, पीपी चौधरी और जितेंद्र सिंह शामिल थे. इस कानून के बाद तीन तलाक देना अवैध माना जाएगा. अगर पति अपनी पत्नी को तीन तलाक देता है, चाहें वह मौखिक हो, लिखित और या मैसेज में, अवैध होगा. ऐसा करने पर पति को तीन साल की सजा व जुर्माना देना होगा. बता दें कि कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक साथ तीन तलाक पर रोक लगाते हुए सरकार को कानून बनाने की सलाह दी थी. सीहोर में तेज रफ्तार कार पलटी गंगोत्री में हिमस्खलन की वजह से बन गई झील ट्राई करेगा विमान में वाई-फाई की सिफारिश