तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा आज अपना 86वा जन्मदिन मना रहे हैं। दलाई लामा ने अपने जन्मदिन के मौके पर कहा कि उन्होंने भारत की स्वतंत्रता तथा धार्मिक सद्भाव का पूरा लाभ उठाया है। वह प्राचीन भारतीय ज्ञान को पुनर्जीवित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने अपने निवास से एक आभासी संबोधन में विश्व भर के व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने उन्हें उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं दी तथा कहा कि वह मानवता की सेवा करना तथा जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करना जारी रखेंगे। दलाई लामा ने बताया कि जब से वह एक शरणार्थी बने वह भारत में बस गए। उन्होंने भारत की आजादी तथा धार्मिक सद्भाव का पूरा फायदा उठाया है। उन्होंने सभी को आश्वस्त किया कि वह अपनी बाकी जिंदगी के लिए प्राचीन भारतीय ज्ञान को पुनर्जीवित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दलाई लामा का वास्तविक नाम तेनजिन ग्यात्सो है। दलाई लामा ने बोला कि वह करुणा तथा अहिंसा पर निर्भर न होकर धर्मनिरपेक्ष मूल्यों की भारतीय अवधारणा की प्रशंसा करते हैं। उन्होंने अपने जन्मदिन के अवसर पर अपने उन सभी मित्रों के प्रति अपनी गहरी सराहना जाहिर की, जिन्होंने सच में उन्हें प्यार, सम्मान तथा भरोसा दिखाया है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि वह मानवता की सेवा करने तथा जलवायु की रक्षा के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दलाई लामा ने व्यक्तियों से अहिंसा का अभ्यास करने तथा एक-दूसरे के प्रति दयालु होने की अपील की। उन्होंने बताया कि वह अपनी मृत्यु तक अहिंसा तथा करुणा के लिए प्रतिबद्ध हैं। आखिर क्यों चतुर्मास में निद्रासन में होते है प्रभु श्री विष्णु? आखिर क्यों लगता है पितृदोष? पूजा तेल के इस्तेमाल की सही परंपरा जानना है बेहद जरुरी, सदा बना रहेगी ईश्वर की कृपा