गुवाहाटी: एक कार्यक्रम में मदरसे के मुद्दे पर बात करते हुए असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि, मदरसों को बंद करने का इरादा है। करीब सात सौ मदरसे बंद किए जा चुके हैं, बाकी मदरसों को नर्सिंग स्कूल और मेडिकल-इंजीनियरिंग कॉलेजों में तब्दील करने की योजना है। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूँ कि मेरे मुस्लिम भाई मदरसों में ना जाए और बजाए इसके लोग डॉक्टर-इंजीनियर बनें, समाज को रोशन करें। सीएम सरमा ने कहा कि, लोग इससे खुश हैं। जब मैं मदरसे में गया और एक बच्चे से पूछा कि क्या बनोगे बेटा, तो वह बोला ‘मैं डॉक्टर बनूँगा’, तो मैंने उससे कहा कि फिर तो तुम गलत जगह आ गए हो, यहाँ तो मौलवी बनते हैं। इसलिए बच्चों की राय लेकर मदरसों को सामान्य स्कूल में बदलने का निर्णय लिया। मैंने कौम की भलाई के लिए मदरसा बंद किया। मुस्लिम वोट के सवाल पर सीएम सरमा ने कहा कि, मैं यदि कहूं कि मियाँ वोट दो, क्या वे मुझे वोट देंगे? मुझे पक्का पता है कि वे मुझे नहीं देंगे, तो क्यों वोट माँगू? जिस दिन ये बच्चे डॉक्टर-इंजीनियर बन जाएँगे, उस दिन वो लोग मुझे अवश्य वोट देंगे। लेकिन अभी वो स्थिति नहीं है। असम में मंदिर के पाँच किलोमीटर के दायरे में बीफ को प्रतिबंधित करने के फैसले पर उन्होंने कहा कि, मंदिर हो, उसमें तकलीफ नहीं है। तकलीफ होता है, जब गोवध होता है। मथुरा पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर किए गए सवाल पर सीएम सरमा ने कहा कि, मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था और उसको लेकर कोई मंदिर की बात करता है, तो बुरा क्यों लगता है? इसमें सांप्रदायिक क्या बात है? दूसरे समुदाय के धर्मस्थल के संबंध में बात करने पर आप सेक्युलर माने जाते हैं। हमें इस सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं है। हिंदू स्वभाव से ही सेक्युलर होता है। विपक्षी दल अपने दम पर बीजेपी से नहीं लड़ सकते: दिनेश शर्मा वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान के 100 वर्ष हुए पूरे, समरोह में पहुंचकर सीएम योगी ने की इनसे मुलाकात केरल में राज्यसभा की एक सीट के लिए उपचुनाव