पश्चिम बंगाल। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस द्वारा, असम पुलिस पर उल्टे आरोप मढ़े गए हैं। समूचा मामला असम क्षेत्र से बांग्ला लोगों को हटाए जाने को लेकर सामने आया है। हालांकि ममता बनर्जी द्वारा आरोप लगाए जाने पर, एफआईआर दर्ज कर दी गई है। दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस द्वारा कहा गया है कि, वे बंगालियों के हित में होने वाली लड़ाई को नहीं रोक सकेंगी। इस मामले में, संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि, तृणमूल कांग्रेस बंगालियों के हितों की लड़ाई लड़ने से नहीं रोक पाऐंगी। ऐसे में, असम से बंगालियों को खदेड़ने की तरकीब नाकाम साबित होगी। दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी द्वारा कहा गया था कि, भारतीय जनता पार्टी व असम सरकार यदि, इस बात को लेकर, विचार करती है कि, वे तृणमूल कांग्रेस व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मुसलमानों के हित की लड़ाई करने से रोक सकेगी तो फिर, यह उनका एकमात्र विचार ही है। दूसरी ओर, कांग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा ने इस मामले में आरोप लगाते हुए कहा कि, करीब 13 जिलों में 208 एनआरसी सेवा केंद्रों का सत्यापन उचित तरह से नहीं किया गया, ऐसे क्षेत्रों में करीब 10 प्रतिशत लोगों के नाम एनआरसी में शामिल किए गए इस तरह के जिले दर्रांग, मोरीगांव, नागांव, ग्वालपारा, ढुबरी, कछार, कैमज्ञाज, हैलाकांडी, कोकराझार, बारपेटा, मनकच्छार, नालारी व बोगांईगांव शामिल हैं। पीएम ने कहा विज्ञान की बातो में भारतीय भाषाओं का समावेश हो बिहार के मंत्री और उनके समर्थकों को पश्चिम बंगाल में पीटा ममता सरकार ने बिहार के सम्मान को ठेस पहुंचाई