साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति पाने के लिए शनि जयंती पर जरूर अपनाएं ये उपाय, मिलेगा छुटकारा

इस बार शनि जयंती 6 जून 2024 को मनाई जाएगी। प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को शनि जयंती मनाई जाती है। भगवान शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है। कहा जाता हैं कि शनि देव की एक नजर किसी को भी राजा से रंक और रंक से राजा बना सकती है। शनि देव की कृपा दृष्टि जिस भी व्यक्ति पर रहती है उसे हर सुख की प्राप्ति होती है। शनि जयंती का दिन शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उत्तम होता है. इस दिन किए गए कुछ उपाय साढ़ेसाती एवं ढैय्या से राहत दिलाते हैं. जानते हैं इन उपायों के बारे में.

शनि जयंती के दिन प्रातः उठकर स्नान करें तथा इसके बाद शनि देव की विधिपूर्वक पूजा करें. इस दिन शनि देव का सरसों के तेल और काले तिल से अभिषेक करना चाहिए. शनि जयंती  शनि मंदिर जाएं एवं उनके दर्शन करना चाहिए. इस दिन पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाएं. शनि चालीसा का पाठ करें या शनि देव के मंत्रों का जाप करें. इससे  साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव कम होता है. यदि आपकी कुंडली में शनि दोष से परेशान हैं तो शनि जयंती के दिन काले कुत्ते को सरसों के तेल से बनी रोटी खिलाएं. इस दिन कौवों को खाना खिलाना भी शुभ माना जाता है. इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं. मान्यता है कि बजरंगबली जी के भक्तों को शनि देव कभी परेशान नहीं करते. ऐसे में शनि जयंती के दिन हनुमान जी को चमेली के तेल का दीपक दान करना चाहिए तथा सिंदूर का चोला चढ़ाना चाहिए. शनि दोष से मुक्ति के लिए शनि जयंती के दिन हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए. इससे शनि देव जल्द प्रसन्न होकर भक्तों को अपना आशीर्वाद देते हैं. गरीबों की सेवा करने से भी शनि देव की कृपा प्राप्त होती है. शनि जयंती के दिन निर्धन लोगों को काला तिल, वस्त्र, उड़द की दाल, जूते-चप्पल और कंबल का दान करना चाहिए.

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