गुरुग्राम: हरियाणा के गुरुग्राम में शुक्रवार की नमाज को लेकर शुरू हुआ हंगामा अब भी शांत नहीं है। वहाँ गुरुद्वारा सिंह सभा कमेटी ने गुरु पर्व पर गुरुद्वारे में नमाज पढ़ने के लिए स्थान देने से इंकार कर दिया है। कमेटी का कहना है कि गुरु पर्व पर गुरुद्वारे में भारी भीड़ होगी। ऐसे में वो नमाज के लिए स्थान नहीं दे सकते। ये नामुमकिन है। बता दें कि सिख समुदाय, कार्तिक मास की पूर्णिमा को गुरु नानक जयंती मनाता है। इस वर्ष 19 नवंबर दिन शुक्रवार को गुरु नानक जयंती मनाई जाएगी। सिखों के इस पर्व को प्रकाश पर्व, गुरु पर्व और गुरु पूरब भी कहा जाता है। ऐसे में गुरुद्वारा समिति ने मुस्लिमों को अपने गुरुद्वारे की जगह देने से इंकार कर दिया है। इससे पहले खबर आई थी कि कुछ सिख संगठनों ने मुस्लिम लोगों को गुरुद्वारे में जुमे की नमाज अदा करने की पेशकश की थी। गुरुग्राम के सदर बाजार गुरुद्वारा ने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि उनका गुरुद्वारा ‘गुरु घर’ है और वहाँ सभी समुदायों का बगैर किसी भेदभाव के स्वागत है। गुरुद्वारा अध्यक्ष शेरदिल सिंह सिंधु ने कहा था कि, ‘मुस्लिम भाई’ शुक्रवार को जुमे की नमाज अदा करने के लिए बेसमेंट का उपयोग कर सकते हैं। गुरुद्वारे के साथ ही अक्षय यादव नाम के एक हिंदू कारोबारी ने शुक्रवार की नमाज अदा करने के लिए मुस्लिमों को सेक्टर 12 में अपनी दुकान देने की पेशकश की थी। गुरुद्वारा और यादव के पेशकश को मीडिया और सोशल मीडिया में सहिष्णुता और भाइचारे के मिसाल के रूप में प्रदर्शित किया जा रहा है। हालाँकि, इस पूरे हंगामे के बीच, एक फैक्ट की अनदेखी की जा रही है और वह यह कि मुस्लिम मस्जिदों में नमाज़ क्यों नहीं पढ़ सकते हैं और उन्हें प्रत्येक शुक्रवार को नमाज़ अदा करने के लिए सार्वजनिक स्थानों और गैर-मुस्लिमों के स्थानों की आवश्यकता क्यों है? दुनियाभर में 110 देश भारत सहित टीकाकरण का प्रमाणपत्र देने के लिए राजी आज 9 बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे PM मोदी भारत का कोविड टीकाकरण 114.46 करोड़ के पार