माहराष्ट्रा में आज 'शपथ' दिवस..! सामने आ गए मंत्रियों के नाम, जो बनेंगे फडणवीस के सिपहसालार

मुंबई: महाराष्ट्र में आज मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की कैबिनेट के विस्तार का दिन है, जिसको लेकर राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। सुबह से ही उन विधायकों को फोन किए जाने का सिलसिला जारी है, जिन्हें मंत्री पद मिलने वाला है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तरफ से अब तक नितेश राणे, पंकजा मुंडे, और गिरीश महाजन जैसे नामों को कॉल जा चुके हैं, ये तो फडणवीस कैबिनेट में जरूर शामिल हो रहे हैं। इसी तरह, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित गुट) के विधायकों को भी कॉल जा रहे हैं। जिन विधायकों को कॉल आ चुके हैं, उनका नाम अब लगभग तय माना जा रहा है। 

रिपोर्ट के अनुसार, नए कैबिनेट का शपथग्रहण समारोह आज शाम 4 बजे नागपुर में आयोजित होगा। इसके लिए मंच तैयार है और अंतिम तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति में शामिल भाजपा, शिवसेना, और एनसीपी कोटे से कुल 35 विधायकों के मंत्री बनने की संभावना है। इनमें भाजपा से 20, शिवसेना से 13, और एनसीपी से 10 मंत्री शामिल होंगे। हालांकि, भाजपा अपनी कुछ सीटें फिलहाल खाली छोड़ सकती है। इसके साथ ही, BCCI के कोषाध्यक्ष आशीष शेलार का नाम भी संभावित मंत्रियों की सूची में है। 

राजनीतिक समीकरणों की बात करें तो महाराष्ट्र चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर काफी रस्साकशी देखने को मिली थी। कहा जा रहा था कि शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री पद चाहते थे और इसी के चलते उन्हें मनाने की काफी कोशिशें भी की गईं। हालांकि, गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में स्पष्ट किया था कि मुख्यमंत्री पद पर पहले से ही सहमति बन चुकी थी, और शिवसेना को इसके बारे में पता था। 

शिंदे गुट के विधायकों को भी कैबिनेट में शामिल करने के लिए फाइनल लिस्ट तैयार कर ली गई है। शिंदे गुट से उदय सामंत, शंभुराजे देसाई, गुलाबराव पाटील, दादा भुसे, और संजय राठोड को फिर से मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा, कुछ नए चेहरे भी नजर आएंगे, जिनमें संजय शिरसाट, भरतशेठ गोगावले, प्रकाश अबिटकर, योगेश कदम, आशीष जैस्वाल और प्रताप सरनाईक का नाम शामिल है। 

दूसरी तरफ, एनसीपी से भी 10 विधायकों को मंत्री पद मिलने की उम्मीद है। इनमें से छह विधायकों को फोन आ चुके हैं, और ये आज शाम शपथ लेंगे। इनमें आदिती तटकरे, बाबासाहेब पाटील, दत्तमामा भरणे, हसन मुश्रीफ, और नरहरी झिरवाळ जैसे बड़े नाम शामिल हैं। हालांकि, कुछ नेताओं को इस बार मंत्री पद की सूची से बाहर रखा गया है, जिनमें दीपक केसरकर, तानाजी सावंत, और अब्दुल सत्तार प्रमुख हैं। 

महाराष्ट्र में यह कैबिनेट विस्तार गठबंधन दलों के बीच संतुलन बनाने और राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। सभी दलों के नेता इस बात का ख्याल रख रहे हैं कि क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों को साधा जाए। हालांकि, भाजपा की ओर से शिवसेना और एनसीपी कोटे के विधायकों को कम महत्व दिए जाने की चर्चाएं भी जोरों पर हैं। इस पूरे विस्तार पर नजरें टिकी हैं कि यह महाराष्ट्र की राजनीति को किस दिशा में लेकर जाएगा।

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