20 अक्टूबर यानी आज शारदीय नवरात्र का छठा दिन है। नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। मां कात्यायनी सफलता और यश का प्रतीक हैं. वे सिंह पर सवार होने वाली देवी हैं, जो चतुर्भुज हैं. वे अपनी दो भुजाओं में कमल और तलवार धारण करती हैं. एक भुजा वर मुद्रा और दूसरी भुजा अभय मुद्रा में रहती है. आइए आपको बताते हैं मां कात्यायनी की पूजा विधि और आरती:- मां कात्यायनी की पूजा विधि:- आज प्रात: स्नान के पश्चात् व्रत और मां कात्यायनी की पूजा का संकल्प लेते हैं. तत्पश्चात, मां कात्यायनी को स्मरण करके उनका गंगाजल से अभिषेक करें. फिर उनको वस्त्र, लाल गुलाब का फूल या लाल फूल, अक्षत्, धूप, दीप, गंध, नैवेद्य आदि अर्पित करें. इस के चलते उनके मंत्रों का जाप करें. फिर उनको शहद का भोग लगाएं. इसके पश्चात दुर्गा चालीसा, मां कात्यायनी की कथा आदि का पाठ करें. फिर घी के दीपक से मां कात्यायनी की आरती करें. मां कात्यायनी की आरती:- जय जय अम्बे, जय कात्यायनी। जय जगमाता, जग की महारानी। बैजनाथ स्थान तुम्हारा। वहां वरदाती नाम पुकारा। जय जय अम्बे… कई नाम हैं, कई धाम हैं। यह स्थान भी तो सुखधाम है। हर मंदिर में जोत तुम्हारी। कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी। जय जय अम्बे… हर जगह उत्सव होते रहते। हर मंदिर में भक्त हैं कहते। कात्यायनी रक्षक काया की। ग्रंथि काटे मोह माया की। जय जय अम्बे… झूठे मोह से छुड़ाने वाली। अपना नाम जपाने वाली। बृहस्पतिवार को पूजा करियो। ध्यान कात्यायनी का धरियो। जय जय अम्बे… हर संकट को दूर करेगी। भंडारे भरपूर करेगी। जो भी मां को भक्त पुकारे। कात्यायनी सब कष्ट निवारे। जय जय अम्बे… मां कात्यायनी पूजा मंत्र:- चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥ मां देवी कात्यायन्यै नमः मां कात्यायनी का प्रिय फूल और रंग:- इस देवी को लाल रंग अतिप्रिय है. इस कारण पूजा में आप मां कात्यायनी को लाल रंग के गुलाब का फूल चढ़ाएं. इससे मां कात्यायनी आप पर प्रसन्न होंगी. उनकी कृपा आप पर रहेगी. मां कात्यायनी का प्रिय भोग:- मां कात्यायनी को शहद बहुत ही प्रिय है, इसलिए आज पूजा के वक़्त मां कात्यायनी को शहद का भोग अवश्य लगाएं. ऐसा करने से स्वयं के व्यक्तित्व में निखार आता है. शारदीय नवरात्री में जरूर करें ये पाठ, जल्द प्रसन्न होगी देवी माँ ये है मां दुर्गा का सबसे प्रभावशाली मंत्र, जाप मात्र से दूर हो जाएंगी हर परेशानी आज इन शक्तिशाली मंत्रों का जाप कर देवी माँ को करें प्रसन्न