नई दिल्ली : विज्ञान ने कितनी तरक्की कर ली है, यह इस बात से साफ नजर आता है, ISRO अंतरिक्ष में अब तक की सबसे बड़ी छलांग लगाने वाला है. यह कार्य भारतीय अनुसन्धान क्षेत्र में एक नया इतिहास बनाएगी. इससे भारत अरबो डॉलर के स्पेस लांच मार्केट का सबसे बड़ा नाम और खिलाडी बन जाएगा. भारत की स्पेस एजेंसी ISRO बुधवार को स्पेस लॉच मार्केट में बड़ा कदम रखने जा रहा है, भारत एक बार में एक साथ रिकॉर्ड 104 सेटलाइट लांच करने वाला है. बात दे की अब तक ये रिकॉर्ड रूस की स्पेस एजेंसी आरएसए के नाम पर था, रूस ने 2014 में एक बार में 37 सेटेलाइट लांच कर चूका है. भारत द्वारा होने वाली सेटेलाइट लॉन्चिंग में तीन भारत के सेटेलाइट और बाकि 101 विदेशी है. इसमें 96 सेटेलाइट सिर्फ अमेरिका के है. इसके अलावा cartosat सेटेलाइट ISRO द्वारा बनाया सेटेलाइट है, जिसका लक्ष्य पृथ्वी की हाई रेसॉल्यूशन इमेज तैयार करना है. इसमें हाई क्वालिटी के कैमरा लगे हुए है. यह जमीं पर होने वाली किसी भी गतिविधि के बारे में बारीकी से जाँच कर सकता है. एक्सपर्ट cartosat को तीसरी आँख और आकाश में भारत की आंख भी कह कर बुला रहे है. मिशन के लिए इसरो के वैज्ञानिकों ने XL वैरियंट का इस्तेमाल किया है जो सबसे शक्तिशाली रॉकेट है. आपको बता दें कि इस रॉकेट का इस्तेमाल चंद्रयान और मंगलयान जैसी अहम मिशन के लिए किया जा चुका है. ISRO के अधिकारी ने कहा, ‘हमने अंतरिम रूप से पृथ्वी से करीब 500 किमी ऊपर सूर्य-समकालिक (सन-सिंक्रोनस) कक्षा में सुबह करीब नौ बजे उपग्रहों को छोड़ने का फैसला किया है. यह घटना देश को गौरव दिलाने वाली होगी.' अधिकारी के अनुसार उपग्रहों का प्रक्षेपण पीएसएलवी-सी37 (PSLV-C37) से किया जाएगा. उपग्रहों का संयुक्त भार 1,500 किग्रा होगा. इसमें 650 किग्रा का रिमोट-सेंसिंग काटरेसेट-2 और 15-15 किग्रा के दो छोटे उपग्रह IA और IB शामिल हैं. स्मरण रहे कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसके पूर्व 22 जून, 2016 को एक बार में 20 उपग्रह छोड़ चुकी है. एक साथ 104 उपग्रह छोड़कर ISRO 2014 में एक साथ 37 उपग्रह छोड़ने के रूस के रिकॉर्ड को और 2013 में 29 उपग्रह एक साथ छोड़ने के अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ देगा. नासा या स्पेस नही जायगी यह भारतीय अब उड़ने वाली कार में बैठने का सपना होगा पूरा मौसम की जानकारी देने के लिए NASA ने विकसित किया यह शानदार ग्लाइड