नई दिल्ली: इंडियन रेलवे के लिए आज का दिन बेहद अहम साबित होने वाला है. दरअसल, आज रेलवे खुद, हैदराबाद के सिकंदराबाद में फुल स्पीड से दो ट्रेनों की टक्कर करवाने जा रहा है. इसमें एक ट्रेन में खुद केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सवार होंगे, तो दूसरी ट्रेन में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सहित अन्य बड़े अफसर बैठे होंगे. इसके माध्यम से रेलवे देसी तकनीक 'कवच' का परीक्षण करेगा. 'कवच' देश की ऐसी तकनीक है, जिसको लेकर दावा किया जा रहा है कि इसे लागू करने के बाद से दो ट्रेनों की टक्कर नहीं होगी. यह इस तरह की विश्व की सबसे सस्ती तकनीक है. रेलवे को 'जीरो एक्सीडेंट' के लक्ष्य को हासिल करने में सहायता करने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (ATP) प्रणाली का निर्माण किया गया है. कवच को एक ट्रेन को स्वचालित रूप से रोकने के लिए विकसित किया गया है. वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि जब डिजिटल सिस्टम को रेड सिग्नल या फिर किसी अन्य खराबी जैसी कोई मैन्युअल गलती नज़र आती है, तो ट्रेनें भी अपने आप रुक जाती हैं. उन्होंने कहा कि एक बार लागू होने के बाद इसे चलाने में 50 लाख रुपये प्रति किमी का खर्च आएगा, जबकि पूरे विश्व में ऐसी तकनीक के लिए लगभग 2 करोड़ रुपये खर्च होते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सनतनगर-शंकरपल्ली खंड पर सिस्टम के परीक्षण में शामिल होने के लिए सिकंदराबाद में होंगे. रेलवे से संबंधित अधिकारी ने बताया है कि, 'रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष (CRB) 4 मार्च को होने वाले परीक्षण में हिस्सा लेंगे. हम दिखाएंगे कि सिस्टम तीन स्थितियों में कैसे काम करता है.' बता दें कि इस तकनीक में ट्रेन जब ऐसे सिग्नल से गुजरती है, जहां से गुजरने की इजाजत नहीं होती है, तो इस तकनीक के जरिए खतरे वाला सिग्नल भेजा जाता है. लोको पायलट यदि ट्रेन को रोकने में नाकाम रहता है, तो फिर 'कवच' तकनीक के माध्यम से अपने आप ट्रेन के ब्रेक लग जाते हैं और किसी भी हादसे से ट्रेन बच जाती है. अधिकारी ने बताया कि यह तकनीक हाई फ्रीक्वेंसी रेडियो कम्युनिकेशन पर कार्य करती है. साथ ही यह SIL-4 (सिस्टम इंटिग्रेटी लेवल-4) की भी पुष्टि करता है जोकि सेफ्टी सर्टिफिकेशन का सबसे उच्च स्तर है. पीएम मोदी बोले - 'मेक इन इंडिया' अभियान 21वीं सदी के भारत की जरुरत, आयात पर निर्भरता कम करें यूक्रेन से सभी भारतीयों को वापस लाने के प्रयासों को सर्वसम्मति से समर्थन: विदेश मंत्रालय केंद्र ने 2021 में बाढ़, भूस्खलन के लिए 5 राज्यों को 1,682.11 करोड़ रुपये की सहायता को मंजूरी दी