केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ आंध्र की दोनों पार्टियों टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस ने अपने -अपने मोर्चे खोल लिए हैं.सूत्र बता रहे हैं कि संसद के बजट सत्र के आखिरी दिन सामूहिक इस्तीफा देने का विचार है, ताकि राज्य को विशेष दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार पर दवाब बनाया जा सके . इसी सिलसिले में आज तेलगु देशम पार्टी के प्रमुख चंद्र बाबू नायडू ने आज शुक्रवार को एक आपात बैठक बुलाई है.जिसमें एनडीए गठबंधन से नाता तोड़ने पर फैसला किया जाएगा. गौरतलब है कि गुरुवार को ही टीडीपी के दो मंत्रियों नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू और विज्ञान एवं प्रावैधिकी राज्य मंत्री वाई एस चौधरी ने मोदी सरकार से इस्तीफा दे दिया था. उधर, आंध्र प्रदेश सरकार से भी बीजेपी कोटे से दो मंत्रियों ने कल ही इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद से ही दोनों दलों के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है.चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए से अलग होने का मन बना लिया है,सिर्फ औपचारिक घोषणा होना बाकी है. स्मरण रहे कि लोकसभा में आंध्र प्रदेश से टीडीपी के 15 सांसद हैं , जबकि एक सांसद तेलंगाना से हैं. जब आंध्र प्रदेश से अलग तेलंगाना राज्य बन रहा था, तब विशेष राज्य का दर्जा देने की घोषणा की गई थी,लेकिन यह मांग पूरी नहीं की गई.मुख्य मुद्दा यही है. जबकि दूसरी ओर आंध्र में नायडू के विरोधी दल वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष जगनमोहन रेड्डी ने चंद्रबाबू नायडू के फैसले की तारीफ करते हुए इसे आंध्र की जनता की जीत बताया. यही नहीं जगनमोहन ने कहा कि मोदी सरकार के खिलाफ यदि टीडीपी अविश्वास प्रस्ताव लाएगी, तो उनके सांसद इसका समर्थन करेंगे. लेकिन अगर टीडीपी अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाती है, तो वाईएसआर कांग्रेस द्वारा 21 मार्च को लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव का टीडीपी को समर्थन करना चाहिए. बता दें कि वाईएसआर कांग्रेस के लोक सभा में 8 सांसद हैं. यह भी देखें एनडीए-टीडीपी में सुलह की जगह दरार अब भाजपा आंध्र में अपना जनाधार बढ़ाएगी