SC/ST एक्ट और केंद्र सरकार ने नौकरियों और शिक्षा में जाति आधारित आरक्षण के खिलाफ आज मंगलवार को सवर्णो के कई संगठनों ने भारत बंद के आह्वान किया है, जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि अपने इलाके में होने वाली किसी भी हिंसा के लिए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे. 2 अप्रैल को हुए भीषण आंदोलन की दलित हिंसा में एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि मंत्रालय ने सभी राज्यों को एक परामर्श जारी किया है कि कुछ समूहों द्वारा सोशल मीडिया पर 10 अप्रैल को बुलाए गए भारत बंद के मद्देनजर आवश्यक एहतियाती कदम उठाए जाएं. अधिकारी ने कहा, 'गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा बढ़ाने और उचित इंतजाम करने का निर्देश दिया है. आवश्यक हो तो निषेधाज्ञा भी लगाई जा सकती है.' राज्यों से सभी संवेदनशील जगहों पर गश्त तेज करने को कहा गया है जिससे जानमाल के किसी भी नुकसान को रोका जा सके. अधिकारी ने कहा, 'परामर्श में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में आने वाले इलाके में कानून-व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में रखें. इसके लिए पूरी तरह से जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को जिम्मेदार माना जाएगा.' मेरठ पुलिस की साजिश वैश्य को दलित घोषित किया बड़ी खबर: SC/ST एक्ट पर हिंसा सुनियोजित थी-रिपोर्ट राजनीतिक पशोपेश: एससी/एसटी एक्ट, दलित वोट और 2019