पटना: भाजपा को अपने तीसरे कार्यकाल में गठबंधन के लिए कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है और इसके संकेत गुरुवार को तब मिले जब उसके सहयोगी नीतीश कुमार की जेडी(यू) ने कहा कि वह सेना के लिए अग्निपथ भर्ती योजना की समीक्षा की मांग करेगी। जेडी(यू) नेता केसी त्यागी ने कहा कि अग्निपथ योजना के खिलाफ नाराजगी है और यह चुनावों के दौरान दिखाई दी है। केसी त्यागी ने आगे कहा कि, "अग्निपथ योजना की समीक्षा की जरूरत है। इस योजना का काफी विरोध हुआ था और इसका असर चुनावों में भी देखने को मिला था।" बिहार के वरिष्ठ नेता ने कहा कि, "हम इस बारे में टकराव नहीं करेंगे, जब अग्निपथ योजना शुरू की गई थी, तो सशस्त्र बलों के एक बड़े वर्ग में असंतोष था। उनके परिवारों ने भी चुनावों के दौरान विरोध प्रदर्शन किया था। इसलिए, इस पर चर्चा करने की जरूरत है।" केंद्र ने सशस्त्र बलों को दक्ष बनाने और रक्षा पेंशन बिल को कम करने के लिए 2022 में अग्निपथ योजना का अनावरण किया। इस योजना के तहत सेना, नौसेना और वायुसेना में चार साल के अल्पकालिक अनुबंध पर कर्मियों की भर्ती की जाती है। कुल वार्षिक भर्तियों में से केवल 25% को स्थायी कमीशन के तहत अगले 15 वर्षों तक बने रहने की अनुमति दी जाती है। इस योजना के लॉन्च होते ही विपक्ष की बयानबाज़ी के कारण बिहार और उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे, हालाँकि प्रदर्शन जल्द ही थम गए थे और युवाओं ने बढ़-चढ़कर अग्निपथ योजना में हिस्सा लिया था, आज भी ले रहे हैं। JDU नेता केसी त्यागी ने कहा कि पार्टी भाजपा की 'एक राष्ट्र एक चुनाव' नीति के पक्ष में है , लेकिन वह भगवा पार्टी के घोषणापत्र में किए गए समान नागरिक संहिता (UCC) के वादे को लेकर अधिक सतर्क हैं। उन्होंने कहा कि, 'एक राष्ट्र एक चुनाव' में लोकसभा और राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की बात कही गई है। पिछली भाजपा सरकार ने इसकी व्यवहार्यता की जांच के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक पैनल का गठन किया था। पैनल ने इस साल मार्च में राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। समान नागरिक संहिता (UCC) पर त्यागी ने कहा कि इस मामले में सभी हितधारकों को साथ लेकर चलने और उनके विचारों को समझने की जरूरत है। UCC सभी नागरिकों के व्यक्तिगत मामलों को नियंत्रित करने के लिए कानूनों का एक समूह प्रस्तावित करता है, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो। त्यागी ने कहा, "समान नागरिक संहिता पर हमारा रुख आज भी वही है। इस मामले में सभी पक्षों को साथ लेकर चलने और उनकी राय जानने की जरूरत है। नीतीश कुमार ने UCC पर विधि आयोग के अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा था कि हम इसके खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इस पर व्यापक चर्चा की जरूरत है। सभी मुख्यमंत्रियों से इस पर चर्चा कर एकमत निर्णय लिया जाना चाहिए।" मोदी को बोटी-बोटी करने की धमकी देने वाले कांग्रेस के इमरान मसूद जीते, समर्थकों ने सड़क ब्लॉक कर किया उत्पात, Video अतिक्रमण हटाने गए पुलिस और BMC के अधिकारियों पर लोगों ने किया पथराव, 5 पुलिसकर्मी लहूलुहान रेहान को रोहित बताकर हिंदू लड़की से कराई दोस्ती, 4 साल तक किया बलात्कार और फिर...