नई दिल्ली: चुनाव के समय किसानों की आय को लेकर बड़े-बड़े दावे करने वाली भाजपा सरकार के सत्ता में काबिज होने के 4 साल बाद भी किसानों की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ है, फिर चाहे वो फसलों की कीमत की बात हो, सिंचाई संसाधनों की बात हो या किसानों द्वारा लिए गए कृषि ऋण को माफ़ करने की बात हो. किसान हर तरफ से हताश और निराश नज़र आ रहे हैं. फिलहाल तो किसान सबसे ज्यादा फसलों की कीमत को लेकर परेशान हैं, किसानों का कहना है कि जब से हमने टमाटर, प्याज़, लहसुन जैसी फसलों को उपजाना शुरू किया है, तब से अब तक इतनी बुरी हालत में कभी नहीं रहे जितनी अब है. हालत यह है कि टमाटर और लहसुन किसान सड़क किनारे जानवरों को खाने के लिए फेंक कर रहे हैं. राजस्थान का जयपुर पुरे भारत में टमाटर उत्पादन के लिए मशहूर है, लेकिन इस बार हालत यह है कि किसानों के टमाटर खेतों में पक कर सड़ रहे हैं और कोई उन्हें खरीदने वाला नहीं है. किसानों की हालत यह है कि वो 1 से लेकर 2 रुपये किलो तक की कीमत में भी टमाटर बेचने के लिए तैयार हैं लेकिन कोई उन्हें खरीदने नहीं आ रहा. यही नहीं फसलों को बेचने के लिए जो मंडी बनाई गईं है, वहां खरीदारों की जगह जानवरों का डेरा है. किसानों का कहना है कि जब से भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते खराब हुए हैं उनकी हालत भी खराब हो गई है. जब देश में फसल ज्यादा होती थी तो टमाटर पाकिस्तान जाता था लेकिन पाकिस्तान बॉर्डर सीज है और देश में टमाटर की फसल इतनी ज्यादा हुई है कि कोई खरीदार नहीं है. मोदी सरकार का नाम लेकर ज़हर पी गया अन्नदाता मणिशंकर अय्यर के विवादित बोल 'जिन्ना पाकिस्तान के कायदे-आज़म' भारत में कोई जिन्ना को पसंद नहीं करता- शाहनवाज