गुंटूर: आंध्र प्रदेश के पलनाडु जिले के गंगालाकुंटा गांव के पास हज़ारों साल पुराने रहस्य दफन हैं। यहां कुछ कब्र और स्मारक मिले हैं, जो स्टोन युग के माने जा रहे हैं। जिले के वेल्धुरथी मंडल में इन प्राचीन स्मारकों की जानकारी मिलने पर पीच इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष शिवनागी रेड्डी ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधिकारियों को सूचित किया। इसके बाद लेखक पावुलुरी सतीश कुमार, पत्रकार उपटुटोला रमेश बाबू और शोधकर्ता पामुलापति श्रीनाथ रेड्डी ने स्थल का दौरा किया और इन पत्थरों की जांच की। जांच में सामने आया कि ये पत्थर हजारों साल पुराने हैं और धातु युग से पहले के समय के हैं। दरअसल, गांव के कुछ लोग जमीन में दबे इन खंभों की खुदाई कर रहे थे, पर उन्हें नहीं पता था कि इनका ऐतिहासिक महत्व क्या है। जब किसी ने इस गतिविधि को देखा और अधिकारियों को जानकारी दी, तब इन प्राचीन पत्थरों की जांच की गई, जिससे इनकी असली पहचान सामने आई। अधिकारियों के अनुसार, इन पत्थरों को "मेन हिर्स" कहा जाता है, जो उस समय के कब्रों के रूप में इस्तेमाल होते थे। ये कब्रें गंगालाकुंटा गांव के दक्षिण-पश्चिम में कृष्णा नदी के किनारे, मुग्गुदिन्ने नहर के पास, करीब तीन वर्ग किलोमीटर के इलाके में पाई गई हैं। पुरातत्व विशेषज्ञ शिवनागी रेड्डी के अनुसार, ये कब्रें एक कमरे के आकार की हैं, जिनमें चार कोनों पर पत्थर लगाए गए हैं और बीच में शव रखकर उसे पत्थरों से ढंका गया है। इन कब्रों की ऊंचाई बीस फीट तक होती थी, ताकि इन्हें दूर से देखा जा सके। इन पत्थरों पर बैल और अन्य जानवरों के चित्र बने हुए हैं, जो उस समय की सभ्यता और जीवनशैली के बारे में जानकारी देते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस इलाके में इस तरह के पत्थर पहले भी देखे गए हैं, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण लोग उन्हें हटा कर वहां खेती करना शुरू कर देते हैं। शिवनागी रेड्डी का मानना है कि सरकार को इन स्थलों को संरक्षित करने की दिशा में कदम उठाने चाहिए। इन प्राचीन कब्रों का अध्ययन हमें उस समय की सभ्यता, संस्कृति और जीवनशैली को समझने में मदद करेगा, जिससे इतिहास के अनछुए पहलुओं पर रोशनी डाली जा सकेगी। बिहार सरकार ने रोक दी 'न्यायाधीश' की सैलरी! सुप्रीम कोर्ट को देना पड़ा दखल कोयला परिवहन कार्य में लगे पांच ट्रकों को माओवादियों ने लगाई आग, झारखंड की घटना खूबसूरत बच्चे की चाह में महिला ने पति को छोड़ देवर संग बनाएं शारीरिक-संबंध और...