मुंबई : समुद्र में अपना दबदबा कायम करने और दुश्मनो के दांत खट्टे करने के लिए पिछले माह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को स्कॉर्पीन श्रेणी की स्वदेश निर्मित परमाणु पनडुब्बी INS कलवरी समर्पित की थी. इस पनडुब्बी ने नौसेना को मजबूती प्रदान की और हिंदमहासागर में अपनी क्षमता को बढ़ाने में हिस्सेदारी निभाई. इसके बाद इस माह के आखिर में यानी 31 जनवरी को दुश्मनो के होश ठिकाने लगाने के लिए स्कॉर्पीन श्रेणी की तीसरी स्वदेशी पनडुब्बी INS करंज नौसेना में शामिल होने जा रही है. जी हाँ कल यानी बुधवार (31 जनवरी) को भारतीय नौसेना को एक और स्वदेशी और अत्याधुनिक क्षमताओं वाली तीसरी पनडुब्बी मिलने जा रही है. मुंबई के मझगांव डॉक पर लांच होने वाली यह पनडुब्बी 'करंज' पिछली डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों की तुलना में बेहतर साबित होगी. करंज की लांचिंग के मौके पर नेवी चीफ सुनील लांबा खुद मौजूद रहेंगे. इस पनडुब्बी को 'मेक इन इंडिया' के तहत तैयार किया गया है. इसके पहले 14 दिसंबर 2017 को भारतीय नौसेना को स्कॉर्पीन श्रेणी की पहली पनडुब्बी आईएनएस कलवरी सौंपी गयी थी. इसके बाद इस साल की शुरुआत में ही 12 जनवरी 2018 को नौसेना को इसी श्रेणी की दूसरी पनडुब्बी 'खांदेरी' दी गयी. अब इस महीने के आखिर में नौसेना में 'INS करंज' शामिल होने जा रही है. पिछली दोनों पनडुब्बियों की तुलना में करंज की ताकत बेमिसाल है जिसे देख दुश्मन अपने दांतो तले उंगलिया चबा लेंगे. करंज की बेहतरीन क्षमता के आगे दुश्मन अपने घुटने टेकने को मजबूर हो जायेगे. तो आइये आपको बताते हैं करंज की क्षमताओं के बारे में.. ये है 'करंज' की ताकत.. अत्याधुनिक विशेषताओं से लैस इस पनडुब्बी में किसी भी परिस्थिति और किसी भी मौसम में दुश्मन के चंगुल से बच निकलने की क्षमता है. करंज किसी भी तरह से रडार की पकड़ में नहीं आ सकती. इसी के साथ करंज टॉरपीडो और एंटी शिप मिसाइलों को दागने में भी सक्षम है. इतना ही नहीं इसका निशाना अचूक है और टारगेट को बचने का कोई भी मौका नहीं देता. हर तरह की अड़चनों से सुरक्षित और बड़ी आसानी से दुश्मनों को चकमा देना इसकी वेशष खाशियत है. इसके अलावा करंज तरह के वॉरफेयर, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर और इंटेलिजेंस एकत्रित करने में बेहद कारगर है. इसका वजह 1565 टन है. करंज 67.5 मीटर लम्बी और 12.3 मीटर ऊँची पनडुब्बी है. करंज की विशेष खासियतें.. राडार की पकड़ से दूर. पानी के अंदर से समुद्र की सतह और जमीन पर मिसाइल दागने में सक्षम. इसके अलावा पानी के अंदर खुद ऑक्सीजन बनाने की भी क्षमता. जरूरत पड़ने पर कई दिनों तक पानी के अंदर रह सकती है करंज. दुश्मनो को किसी भी परिस्थिति में चकमा देने और अचूक निशाना लगाने की दक्षता. गुजरात बंदरगाह: सेना के टैंकर में लगी आग नौसेना को सफलता, पकड़ा गया 900 करोड़ का ड्रग्स अमेरिका और रूस के विमान आपस में टकराने से बचे