पटना: बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी के बाद CBI आज राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से पूछताछ करने वाली है। CBI की टीम मीसा भारती के दिल्ली स्थित घर पर पहुंच चुकी है। लालू यादव फ़िलहाल यहीं रह रहे हैं। लालू से ये पूछताछ IRCTC घोटाला यानी लैंड फॉर जॉब स्कैम (नौकरी के बदले जमीन) में की जानी है। इससे पहले CBI ने सोमवार (6 मार्च) को पटना में राबड़ी देवी से 4 घंटे तक पूछताछ की थी। बता दें कि, CBI ने लैंड फॉर जॉब स्कैम पूछताछ के लिए लालू को समन जारी किया था। नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में संलिप्तता को लेकर लालू यादव से CBI आज राष्ट्रीय राजधानी में पूछताछ करेगी। राबड़ी से CBI की पूछताछ के बाद पूरा विपक्ष एकसाथ मोदी सरकार पर हमलावर हो गया है। तमाम विपक्षी नेता केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों के गलत इस्तेमाल का आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि, जो विपक्षी नेता भाजपा के सामने झुकने के लिए तैयार नहीं हैं, उन्हें ED-CBI के माध्यम से प्रताड़ित किया जा रहा है। आज राबड़ी देवी जी को परेशान किया जा रहा है। लालू यादव और उनके परिवार को सालों से परेशान किया जा रहा है, क्योंकि वे झुके नहीं। भाजपा विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है। क्या है रेलवे का 'लैंड फॉर जॉब' स्कैम:- बता दें कि, लैंड फॉर जॉब स्कैम का यह मामला 14 वर्ष पुराना है। उस समय लालू यादव केंद्र की कांग्रेस सरकार में रेल मंत्री हुआ करते थे। शायद इसीलिए प्रियंका गांधी, लालू यादव का बचाव कर रहीं हैं। लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में लोगों को नौकरी देने के एवज में उनकी जमीनें अपने परिवार के नाम लिखवा ली थी। बता दें कि लालू यादव 2004 से 2009 तक कांग्रेस सरकार में रेल मंत्री रहे थे। CBI ने इस संबंध में 18 मई 2022 को केस दर्ज किया था। CBI के अनुसार, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्स्टीट्यूट के रूप में भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने भूमि का सौदा किया, तब उन्हें रेगुलर कर दिया गया। CBI का कहना है कि पटना में लालू यादव के परिवार ने 1।05 लाख वर्ग फीट भूमि पर कब्जा कर रखा है। इन इन जमीनों का पूरा सौदा कैश में हुआ था। यानी, लालू परिवार ने नकद देकर ये जमीनें खरीदी थी। CBI के अनुसार, ये जमीनें बेहद कम कीमतों पर बेच दी गई थीं। CBI ने अपनी जांच में ये भी पाया है कि जोनल रेलवे में सब्स्टीट्यूट की भर्ती का कोई विज्ञापन या पब्लिक नोटिस जारी नहीं किया गया था। मगर, जिन परिवारों ने यादव परिवार को अपनी भूमि दी, उनके सदस्यों को रेलवे में मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में नौकरियां दे दी गई। वहीं, ED के अनुसार, कुछ उम्मीदवारों के आवेदनों को मंजूरी देने में जल्दबाजी दिखाई गई। कुछ आवेदनों को महज 3 दिनों में ही अप्रूव कर दिया गया। पश्चिम मध्य रेलवे और पश्चिम रेलवे ने अभ्यर्थियों के आवेदनों को बगैर पूरे एड्रेस के भी अप्रूव कर दिया और नौकरी दे दी गई। एजेंसी के अनुसार, कुल मिलाकर लालू परिवार ने 7 उम्मीदवारों को जमीन के एवज में नौकरी दी थी। इनमें से 5 जमीनों की बिक्री हुई थी, जबकि दो जमीन के टुकड़े गिफ्ट के रूप में लालू परिवार के नाम कर दिए गए थे। नागालैंड: आज सीएम पद की शपथ लेंगे नेफ्यू रियो, मोदी-शाह रहेंगे मौजूद 'मेरा सिर काट दो, लेकिन…', आखिर किस बात पर भड़कीं ममता बनर्जी ? राहुल गांधी के 'पक्ष' में लिखने के मिलते हैं 1000 रुपए! नेशनल हेराल्ड की पत्रकार संजुक्ता का खुलासा