लखनऊ: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ ही राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार की तरफ से कई अन्य विकास योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। अयोध्या में श्रीराम एयरपोर्ट का भी निर्माण प्रस्तावित है। एयरपोर्ट निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई भूमि को लेकर विवाद गहरा गया है। ये मामला उच्च न्यायालय में भी पहुंच चुका है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच ने अयोध्या में बनने वाले हवाई अड्डे के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है। उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच ने अयोध्या हवाई अड्डे के लिए ली गई जमीन यूनिवर्सिटी की इजाजत लेने पर केंद्र और राज्य सरकार सहित संबंधित विभागों से जवाब तलब किया है। इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई के दूसरे सप्ताह में होगी। जानकारी के अनुसार, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच ने यूनिवर्सिटी एक छात्र ओमप्रकाश सिंह की तरफ से दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से जवाब मांगा है।इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच में याचिकाकर्ता की तरफ से दलील दी गई है कि अयोध्या का जो श्रीराम एयरपोर्ट बन रहा है, उसके लिए राज्य सरकार ने यूनिवर्सिटी की बहुत जमीन ले ली है। आरोप है कि यूनिवर्सिटी की जमीन का अधिग्रहण करने के लिए प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। याचिकाकर्ता का इल्जाम है कि जमीन अधिग्रहण के लिए सरकार ने विश्वविद्यालय से कोई इजाजत नहीं ली गई है। याचिकाकर्ता के अनुसार, राज्य सरकार ने सिर्फ उच्च शिक्षा विभाग की इजाजत लेकर जमीन का अधिग्रहण कर लिया। याचिकाकर्ता का दावा है कि राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 21 के तहत जमीन संबंधी कोई भी फैसला लेने का अधिकार विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद को ही है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच ने याचिकाकर्ता की दलीलें सुनने के बाद राज्य सरकार, केंद्र सरकार और अन्य संबंधित विभागों से चार सप्ताह में जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा है। बेहद रॉयल लाइफ जीते थे जवाहर लाल नेहरू, कपड़े धुलने के लिए लंदन जाते थे, प्लेन से सिगरेट आती थी... दरगाह में 'स्वस्तिक' का क्या काम ? अब अजमेर शरीफ के भी मंदिर होने का दावा, आंदोलन की चेतावनी भारत के लॉन्ग जंपर मुरली श्रीशंकर ने रचा इतिहास, इंटरनेशनल जंपिंग मीट में जीता 'गोल्ड'