किसान आंदोलन से संबंधित टूलकिट मामले में जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को 1 लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी जा चुकी है। इस मामला की सुनवाई के बीच एक अजीब घटना घटी, एक जज पुलिस की अर्जी सुन ही रहे थे कि दूसरे जज ने जमानत दी जा चुकी है। एजिशनलसेशंस जज धर्मेंद्र राणा ने दिशा को 1 लाख रुपये के पर्सनल बांड और 1-1 लाख रुपये के 2 श्योरिटी अमाउन्ट्स पर जमानत दे दी है। उन्होंने कहा कि अपराधी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। जंहा इस बात का पता चला है कि दिशा रवि मामले में दो कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। एक कोर्ट में जज दिशा की पुलिस कस्टडी बढ़ाने को लेकर अर्जी सुन रहे थे, वहीं दूसरे कोर्ट में उसकी जमानत पर सुनवाई चल रही है। कस्टडी बढ़ाने को लेकर कोई फैसला हो पाता उससे पहले ही दिशा को दूसरे कोर्ट ने जमानत दी जा चुका है । मंगलवार देर रात दिशा रवि को तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया। मिली जानकारी के अनुसार दरअसल दिशा रवि पर राजद्रोह केस दर्ज किये गए है। हालांकि दिशा रवि को तब बड़ी राहत मिली जब एक सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने स्वीकार किया कि उसके पास अभी यह साक्ष्य नहीं है कि टूलकिट और दिल्ली हिंसा में आपसी तालमेल है। दिशा ने कही थी ये बात: वहीं यह भी कहा जा रहा है वहीं दिशा रवि ने जिसके पूर्व कहा था कि यदि किसानों की आवाज को वैश्विक मंच तक उठाने के कारण उन पर राजद्रोह चलाया गया तब तो वे जेल में ही ठीक है। वहीं दिल्ली पुलिस ने सुनवाई के बीच अपने पक्ष में कहा कि टूलकिट मामला भारत की अंतराष्ट्रीय स्तर पर छवि खराब करने की गहरी साजिश का हिस्सा थी। जिसमें कनाडा में बैठे पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के संस्थापक मो.धालीवाल शामिल है। जिसके इशारे पर ही दिशा रवि समेत अनेक लोग इसमें मौजूद है। इसके लिये किसान आंदोलन को चुन लिया गया है। ताकि भारत की छवि को धूमिल कर सकें। राकेश टिकैट की दो टूक- इस बार संसद घेरेंगे, 4 लाख नहीं 40 लाख ट्रेक्टर पहुंचेंगे दिल्ली छोटी सी भूल बन गई युवक की जान की दुश्मन कोरोना के नए स्वरुप का कहर, देश में 187 मरीज ब्रिटेन स्ट्रेन से ग्रसित